नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कांग्रेस ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोमवार को दावा किया कि चुनावी बॉन्ड से गुमनाम चंदे और धनशोधन में बढ़ोतरी होगी। भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि सत्तारूढ़ पार्टी को बताना चाहिए कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से उसे कितने हजार करोड़ रुपये का चंदा मिला।
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Those who know who purchase & receive a bond are: 1- SBI 2- Those who bought & donated 3- IT authorities As these entities fall under Central Govt so that's the only party that knows & corporates fear that the Govt will know what it donated. #KhaayaBhiKhilaayaBhi pic.twitter.com/XEX2igYwgk — Congress (@INCIndia) November 18, 2019
Those who know who purchase & receive a bond are: 1- SBI 2- Those who bought & donated 3- IT authorities As these entities fall under Central Govt so that's the only party that knows & corporates fear that the Govt will know what it donated. #KhaayaBhiKhilaayaBhi pic.twitter.com/XEX2igYwgk
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उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आरबीआई ने चुनावी बॉन्ड का विरोध किया कि इससे गुमनाम चंदा व धनधोधन में बढ़ोतरी होगी। अब मोदी सरकार बताए कि कितने हजार करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड जारी हुए?’’ सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘भाजपा को कितने हजार करोड़ मिले? क्या यह एक हाथ लें और दूसरे हाथ दें वाली बात है? क्या ये है हजारों करोड़ की भाजपा का मंत्र?’’
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28 जनवरी 2017 की दोपहर 1.45 मिनट पर वित्त मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर श्री रामा सुब्रमण्यम गांधी को एक मेल भेजा। इस नोट में भारतीय रिजर्व बैंक से ’चुनावी बॉण्ड’ योजना लागू करने हेतू आरबीआई एक्ट में संशोधन का ड्राफ्ट था: @Pawankhera #KhaayaBhiKhilaayaBhi pic.twitter.com/UYK2dew1EV — Congress (@INCIndia) November 18, 2019
28 जनवरी 2017 की दोपहर 1.45 मिनट पर वित्त मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर श्री रामा सुब्रमण्यम गांधी को एक मेल भेजा। इस नोट में भारतीय रिजर्व बैंक से ’चुनावी बॉण्ड’ योजना लागू करने हेतू आरबीआई एक्ट में संशोधन का ड्राफ्ट था: @Pawankhera #KhaayaBhiKhilaayaBhi pic.twitter.com/UYK2dew1EV
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उन्होंने जिस मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया उसमें दावा किया गया है कि चुनावी बॉन्ड की व्यवस्था की आधिकारिक घोषणा से पहले रिजर्व बैंक ने इस कदम का विरोध किया था। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार पर हमला बोला है।
In “New” India, bribes & illegal commissions are called Electoral Bonds. https://t.co/mYl5OxcVLU — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 18, 2019
In “New” India, bribes & illegal commissions are called Electoral Bonds. https://t.co/mYl5OxcVLU
न्यू इंडिया में रिश्वत और कमीशन को चुनावी बॉन्ड कहते हैं : राहुल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया में चुनावी बॉन्ड से जुड़ी एक खबर का हवाला देते हुए सोमवार को केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और तंज कसते हुए कहा कि‘न्यू इंडिया’में रिश्वत और गैरकानूनी कमीशन को चुनावी बांड कहा जाता है।
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उन्होंने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, 'यह न्यू इंडिया है, इसमें रिश्वत और गैर कानूनी कमीशन को चुनावी बॉन्ड कहा जाता है।' गांधी ने जिस मीडिया खबर का हवाला दिया उसमें दावा किया गया है कि चुनावी बॉन्ड की व्यवस्था की आधिकारिक घोषणा से पहले रिजर्व बैंक ने इस कदम का विरोध किया था।
प्रियंका बोलीं- चुनावी बॉन्ड लाया गया ताकि भाजपा को मिल सके कालाधन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मीडिया में चुनावी बॉन्ड से जुड़ी एक खबर का हवाला देते हुए सोमवार को दावा किया कि भारतीय रिजर्व बैंक को दरकिनार करते हुए चुनावी बॉन्ड लाया गया ताकि कालाधन भाजपा के पास पहुंच सके। उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘‘आरबीआई को दरकिनार कर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को खाारिज करते हुए चुनावी बॉन्ड को मंजूरी दी गई ताकि भाजपा के पास कालाधन पहुंच सके।’’
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प्रियंका ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि भाजपा को कालाधान खत्म करने के नाम पर चुना गया था, लेकिन यह उसी से अपना जेब भरने में लग गई। यह भारत के जनता के साथ शर्मनाक विश्वासघात है।’’ उन्होंने जिस मीडिया खबर का हवाला दिया उसमें दावा किया गया है कि चुनावी बॉन्ड की व्यवस्था की आधिकारिक घोषणा से पहले रिजर्व बैंक ने इस कदम का विरोध किया था।
Electoral bonds were cleared by by-passing RBI and dismissing National security concerns in order to enable black money to enter the BJP coffers. It appears that while the BJP was elected on the promise of eradicating black money it was busy lining.. 1/2https://t.co/qa6uLLHRIw — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 18, 2019
Electoral bonds were cleared by by-passing RBI and dismissing National security concerns in order to enable black money to enter the BJP coffers. It appears that while the BJP was elected on the promise of eradicating black money it was busy lining.. 1/2https://t.co/qa6uLLHRIw
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कांग्रेस का आरोप है कि चुनावी बॉन्ड के बारे में सिर्फ तीन संस्थानों को जानकारी है। पहला सीबीआई, दूसरा आयकर विभाग के अधिकारी, तीसरा दानदाता और दान लेने वाला। खास बात यह है कि ये तीनों ही केंद्र सरकार के अंदर आते हैं। इससे सरकार को मालूम हो जाता है कि किस कॉरपोरेट ने किस पार्टी को चंदा दिया है। ऐसे में कॉरपोरेट भी डरे हुए हैं।
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