नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक' के पत्रकारों से जुड़े परिसरों पर छापेमारी को बिहार में जातिवार सर्वेक्षण के ‘विस्फोटक' निष्कर्षों और देशभर में जातिगत जनगणना कराने की बढ़ती मांग से ‘ध्यान भटकाने की ताजा कोशिश' करार दिया।
कल जब से बिहार के जाति जनगणना के चौंका देने वाले आँकड़े सामने आये हैं, पूरे देश में जाति जनगणना की माँग ज़ोर पकड़ रही है। मोदी साहिब की नींद उड़ी हुई है। जब पाठ्यक्रम के बाहर का कोई सवाल खड़ा हो जाता है तो मोदी जी के पाठ्यक्रम का एक देखा भाला अस्त्र बाहर ले आया जाता है - मुद्दे… https://t.co/WsFb3nr7rE — Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) October 3, 2023
कल जब से बिहार के जाति जनगणना के चौंका देने वाले आँकड़े सामने आये हैं, पूरे देश में जाति जनगणना की माँग ज़ोर पकड़ रही है। मोदी साहिब की नींद उड़ी हुई है। जब पाठ्यक्रम के बाहर का कोई सवाल खड़ा हो जाता है तो मोदी जी के पाठ्यक्रम का एक देखा भाला अस्त्र बाहर ले आया जाता है - मुद्दे… https://t.co/WsFb3nr7rE
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने ‘न्यूजक्लिक' और उसके पत्रकारों से जुड़े परिसरों पर मंगलवार सुबह छापेमारी की। इस कार्रवाई को लेकर पत्रकारों ने रोष व्यक्त किया है। कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि ‘न्यूजक्लिक' के पत्रकारों से जुड़े परिसरों पर सुबह-सुबह की गई छापेमारी ‘बिहार में जातिवार जनगणना के विस्फोटक निष्कर्षों और देशभर में जातिगत जनगणना की बढ़ती मांग से ध्यान भटकाने की ताजा कोशिश के रूप में सामने आई है।'
खेड़ा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘जब उसे (सरकार को) पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्नों का सामना करना पड़ता है, तो वह अपने सुपरिचित पाठ्यक्रम में मौजूद एकमात्र जवाबी कदम का सहारा लेता है-ध्यान भटकाना।'' वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पोर्टल के खिलाफ कार्रवाई पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह "लोकतंत्र की जननी" की कार्रवाई नहीं, बल्कि "असुरक्षित और निरंकुश शासन" की कार्रवाई है।
उन्होंने 'एक्स' पर कहा, "इतनी मजबूत और निरंकुश सरकार को एक समाचार वेबसाइट से खतरा क्यों महसूस होता है? और वह भी उस वेबसाइट से, जिसके पाठक बहुत अधिक नहीं हैं? उन चीजों के प्रति असहिष्णुता नहीं दिखाई जानी चाहिए, जिनका भारत प्रतिनिधित्व करता है।"
थरूर ने कहा, "सरकार ने आज अपना और हमारे लोकतंत्र का अपमान किया है।" कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी छापेमारी को लेकर सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया, ''चाटुकारों की फौज के बावजूद, कुछ पत्रकार अब भी सच बोलने की हिम्मत रखते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री को सच बोलने वालों और सवाल पूछने वालों से विशेष समस्या है।'' श्रीनेत ने कहा, ‘‘इसलिए ऐसे लोगों पर छापे मारे जाएंगे, उन्हें डराया जाएगा, लेकिन साहेब यह भूल जाते हैं कि हर कोई रीढ़ की हड्डी के बगैर नहीं होता, जैसा कि चाटुकारों के साथ होता है।''
कांग्रेस नेताओं की यह प्रतिक्रिया बिहार में नीतीश कुमार सरकार द्वारा 2024 के संसदीय चुनावों से कुछ महीने पहले राज्य में हुए बहुप्रतीक्षित जाति सर्वेक्षण के निष्कर्ष जारी करने के एक दिन बाद आई है। सर्वे से पता चला है कि बिहार की कुल आबादी में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और ईबीसी (अत्यंत पिछड़ा वर्ग) की कुल हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है।
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