नई दिल्ली/टीम डिजिटल। नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुरुवार को देश भर में रेल रोको अभियान (Rail Roko Abhiyan) चलाया। इस दौरान किसान रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों को रोककर प्रदर्शन करते दिखाई दिए। दोपहर 12:00 बजे से 4:00 बजे तक यह अभियान चलाया गया। हालांकि रेलवे का कहना है कि इस अभियान का कुछ खास असर नहीं हुआ है।
हालांकि जम्मू कश्मीर से लेकर कर्नाटक तक इस आंदोलन का प्रभाव दिखा। सबसे ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में रहा। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे ने पहले से ही अपनी तैयारियां चुस्त-दुरुस्त कर ली थी। एहतियातन कई ट्रेनों को पहले ही स्टेशनों पर रोक दिया गया था। संयुक्त किसान मोर्चा ने नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग उठाई।
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नगण्य या न्यूनतम रहा रेल रोको अभियान का असर- रेलवे प्रवक्ता वहीं रेलवे के प्रवक्ता ने दावा किया कि किसानों के रेल रोको प्रदर्शन का उसकी सेवाओं पर असर नगण्य या न्यूनतम रहा। प्रवक्ता ने बताया कि अधिकतर जोनल रेलवे ने सूचित किया है कि उनके क्षेत्र में प्रदर्शन की घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा कि रेल रोको प्रदर्शन बिना किसी अप्रिय घटना के समाप्त हो गया।
अधिकतर स्टेशनों पर रोकी ही नहीं गई रेल सभी जोन में रेलगाड़ियों की आवाजाही सामान्य रही। प्रवक्ता ने बताया कि अधिकतर जोन में प्रदर्शनकारियों द्वारा रेलगाड़ियों को रोकने की एक भी घटना दर्ज नहीं की गई। कुछ रेलवे जोन में रेलगाड़ियों को रोका गया, लेकिन अब ट्रेनों का परिचालन सामान्य है। प्रदर्शन के चलते रेलवे ने करीब 25 रेलगाड़ियों को पुनः व्यवस्थित किया था।
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उत्तर प्रदेश में किसानों के रेल रोको प्रदर्शन का आंशिक प्रभाव बुंदेलखंड समेत उत्तर प्रदेश में किसानों के रेल रोको प्रदर्शन का आंशिक प्रभाव ही देखने को मिला। बुंदेलखंड में किसानों ने बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, ललितपुर, फतेहपुर के अलावा अमेठी जिले में रेल मार्ग बाधित किया। चित्रकूट के अपर पुलिस अधीक्षक के अनुसार रेल मार्ग बाधित करने की कोशिश कर रहे करीब एक सौ किसानों को हिरासत में लिया गया।
बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने दावा किया कि करीब डेढ़ सौ किसानों के एक समूह ने जिला मुख्यालय में 2 घंटे तक रेलमार्ग बाधित कर प्रदर्शन किया और तीनों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। इस दौरान रेल पटरी खाली कराने को लेकर पुलिस और किसानों के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई।
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