Thursday, Jun 01, 2023
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ranjan gogoi clarification on ayodhya rafale sc decision after becoming rajya sabha mp

सांसद बनने के बाद पूर्व- CJI ने कहा- लॉबी के शिकंजे में फंसी है न्यायपालिका

  • Updated on 3/21/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राज्यसभा सदस्य बने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उन आलोचनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है कि राज्यसभा में उनका मनोनयन अयोध्या और राफेल सौदे से संबंधित फैसले का पुरस्कार है। उन्होंने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि दरअसल 5-6 लोगों की एक लॉबी ने न्यायपालिका को अपने शिकंजे में कसा हुआ है। जो न्यायाधीश इस लॉबी की इच्छा के अनुरूप फैसला नहीं सुनाते, वह उन्हें बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ती। 

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अयोध्या और राफेल सौदे को लेकर इस लॉबी की इच्छा के अनुरूप फैसला नहीं आया तो उसने उन्हें बदनाम करने का हर हथियार अपनाया। एक साक्षात्कार में गोगोई ने 2018 में हुए संवाददाता सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि जब मैंने जनवरी 2018 में प्रैस कॉन्फ्रैंस की थी तो मैं लॉबी का प्रिय था लेकिन वे चाहते थे कि न्यायाधीश मामलों का फैसला उनके हिसाब से करें और उसके बाद ही वे उन्हें ‘स्वतंत्र न्यायाधीश’ का प्रमाणपत्र देंगे। मैंने वही किया जो मुझे सही लगा। 

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उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर अयोध्या फैसले की बात की जाए तो यह सर्वसम्मत फैसला था। 5 न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मत फैसला सुनाया था। इसी तरह राफेल भी 3 न्यायाधीशों की पीठ का सर्वसम्मत फैसला था। इन फैसलों पर सवाल उठाकर क्या यह लॉबी इन दोनों फैसलों से जुड़े सभी न्यायाधीशों की ईमानदारी पर सवाल नहीं उठा रही है।

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