नई दिल्ली/टीम डिजिटल। गाय हमारे देश में 2014 के बाद से काफी चर्चित रही है। कई बिमारियों के इलाज के तौर पर गाय का मूत्र और मल यानी गोबर इस्तेमाल किया जाता है लेकिन क्या ये मुमकिन है कि गाय के गोबर से एक ऐसी चिप भी बनाई जा सकती है जो मोबाइल से निकलने वाली हानिकारक रेडिएशन को रोक सके? तो इसका जवाब है हां, और ये मुमकिन कर दिखाया है राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने।
दरअसल, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने सोमवार को एक ऐसी चिप लॉन्च की जो गाय के गाय के गोबर से बनी है। साथ ही आयोग ने यह दावा किया है कि इस चिप से मोबाइल हैंडसेट्स से निकलने वाले रेडिएशन से काफी हद तक बचा जा सकता है।
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आयोग के अध्यक्ष वल्लभ भाई कथीरिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 'हमने देखा है कि मोबाइल के साथ रखते हैं तो रेडिएशन काफी हद तक कम हो जाता है. बीमारी से बचना है तो आगे आने वाले वक्त में यह भी काम आने वाला है।'
#WATCH: Cow dung will protect everyone, it is anti-radiation... It's scientifically proven...This is a radiation chip that can be used in mobile phones to reduce radiation. It'll be safeguard against diseases: Rashtriya Kamdhenu Aayog Chairman Vallabhbhai Kathiria (12.10.2020) pic.twitter.com/bgr9WZPUxK — ANI (@ANI) October 13, 2020
#WATCH: Cow dung will protect everyone, it is anti-radiation... It's scientifically proven...This is a radiation chip that can be used in mobile phones to reduce radiation. It'll be safeguard against diseases: Rashtriya Kamdhenu Aayog Chairman Vallabhbhai Kathiria (12.10.2020) pic.twitter.com/bgr9WZPUxK
इसके अलावा कामधेनु आयोग ने अन्य प्रोडक्ट भी लॉन्च किए हैं, जो गाय से बने हैं। दावा किया जा रहा है कि आयोग के द्वारा बनाए गए इन सामानों से दीवाली पर प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
अपने इन प्रयासों और चिप जैसे प्रोडक्ट के कारण राष्ट्रीय कामधेनु आयोग अचानक ही चर्चा में आ गया है। कॉन्फ्रेंस में वल्लभ भाई कथीरिया ने गोबर के दीये, शुभ-लाभ भी दिखाए। उन्होंने कहा कि 'गाय के गोबर से सबकी रक्षा होगी। ये सबकुछ घर में आएगा तो घर रेडिएशन फ्री हो जाएगा।'
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कौन है राष्ट्रीय कामधेनु आयोग पशुपालन में आधुनिक और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने 2019 में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन किया था। इस आयोग को बनाने का उद्देश्य पशुओं की नस्ल का संरक्षण और उन्हें बेहतर बनाना है। साथ ही गोहत्या को रोकने की जिम्मेदारी भी इसी आयोग के हिस्से में आती है। इसी सब को ध्यान रखते हुए सरकार ने कामधेनु आयोग को पिछले साल 500 करोड़ रुपए का बजट दिया था।
इस आयोग के अध्यक्ष गुजरात के राजकोट से बीजेपी सांसद वल्लभभाई कथीरिया हैं। आयोग गाय के गोबर और मूत्र के व्यापारिक इस्तेमाल को बढ़ावा देने की राह में काम कर रहा है। आयोग की कोशिश है कि युवाओं को गाय के दूध, घी और गोबर, मूत्र का इस्तेमाल करने, इसके मेडिकल या कृषि आधारित प्रयोग और स्टार्ट अप खोलने को लेकर प्रोत्साहित किया जाए।
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इसके साथ ही कामधेनु आयोग वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों को नया प्लेटफॉर्म भी देता है। जिससे वह गाय संबंधी अविष्कार और प्रयोग कर सकें। इसके साथ ही आयोग गौशाला चलाने वाले लोगों को भी स्किल डेवलेपमेंट की ट्रेनिंग देता है।
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