Tuesday, Jun 06, 2023
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rbi discuss on corona virus impact on indian economy

भारतीय अर्थव्यवस्था पर COVID19 का असर, RBI करेगा गौर

  • Updated on 2/26/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ब्याज दरों पर फैसला करते समय कोविड-19 संक्रमण से जुड़े घटनाक्रमों पर गौर करेगी। सिंगापुर के डी.बी.एस. बैंक की आज जारी एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से चीन से आपूॢत बाधित हुई है।

डी.बी.एस. बैंक (DBS Bank) की रिपोर्ट ‘भारत वृद्धि एवं मुद्रास्फीति लक्ष्य समीक्षा’ में बैंक की अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि चीन से आपूॢत में बाधा से भारत पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा क्षेत्रीय कंपनियां भी इससे प्रभावित हुई हैं जो शुद्ध रूप से चीन से आयात करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि इसका प्रभाव 2020 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) तक रहता है तो उत्पादन में देरी के साथ अस्थायी रूप से कीमतों में भी बढ़ौतरी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि एम.पी.सी. कोविड-19 से जुड़े घटनाक्रमों पर गौर करेगी।

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ब्याज दरों को और सस्ता करने की गुंजाइश लेकिन महंगाई पर रखनी होगी नजर: शक्तिकांत दास
भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा है कि केन्द्रीय बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी  का स्पष्ट तौर पर यह मानना है कि ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश अब भी बनी हुई है। हालांकि इसके लिए महंगाई दर में नरमी का इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत में पिछले साल उम्मीद से ज्यादा आॢथक सुस्ती से भले ही कई लोग सकते में आ गए हों लेकिन आर.बी.आई. ने बहुत पहले ही स्लोडाऊन के संकेत को भांपते हुए फरवरी से ही ब्याज दरों में कटौती शुरू कर दी थी।

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आर्थिक वृद्धि की गति 11 साल के न्यूनतम स्तर
दास ने कहा कि 2019 बहुत ही असामान्य साल था, जहां किसी ने नहीं सोचा था कि वर्ष की शुरूआत में आॢथक वृद्धि की रफ्तार घटकर 5 प्रतिशत पर आ जाएगी। पिछले महीने चालू वित्त वर्ष के पहले जी.डी.पी. अनुमान में कहा गया है कि इस साल देश की आर्थिक वृद्धि की गति 11 साल के न्यूनतम स्तर यानी 5 प्रतिशत पर आ सकती है। दास ने कहा कि यह सबको चौंकाने वाला था। संभवत: इस चीज को सबसे पहले आर.बी.आई. ने नोटिस किया था। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि एम.पी.सी. उदार रुख के लिए तैयार है।

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रेपो रेट में 1.35 प्रतिशत की कटौती
इस बार भी एम.पी.सी. का रुख था कि अब भी ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश है। हालांकि महंगाई दर में तेजी को ध्यान में रखते हुए इंतजार करने का निर्णय किया गया। आर.बी.आई. ने पिछले साल फरवरी से अक्तूबर के बीच रेपो रेट में 1.35 प्रतिशत की कटौती की थी। आर.बी.आई. इस समय दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है क्योंकि एक तरफ  जहां आर्थिक सुस्ती का माहौल है दूसरी ओर मुद्रास्फीति में बढ़ौतरी हो रही है।

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क्या है कोरोना वायरस
जानकारी के लिए बता दें डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक कोरोना वायरस सी- फूड से जुड़ा है। कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार का है और इससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। यह वायरस ऊंट, बिल्ली तथा चमगादड़ सहित कई पशुओं में भी प्रवेश कर रहा है। खास स्थिति में पशु मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकते हैं। इस वायरस का मानव से मानव संक्रमण वैश्विक स्तर पर कम है।

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