Thursday, Jun 01, 2023
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rbi governor called crypto currency a threat to financial stability

RBI गवर्नर ने Crypto currency को वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा बताया

  • Updated on 2/10/2022

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को साफ किया कि निजी क्रिप्टो करेंसी वृहत आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा है तथा इन मोर्चों पर चुनौतियों से निपटने की उसकी क्षमता इससे कमजोर होती है। साथ ही गवर्नर ने निवेशकों को आगाह करते कहा कि ऐसी संपत्तियों में कोई अंर्तिनहित मूल्य नहीं है, यहां तक कि एक ट्यूलिप’ के बराबर भी नहीं।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पहले भी ऐसी संपत्तियों पर अपनी चिंता जता चुका है। लेकिन इस बार यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल में आम बजट में ऐसी संपत्तियों पर हुए लाभ पर 30 प्रतिशत कर लगाने की बात कही गई है। क्रिप्टो हितधारकों ने इस कदम का स्वागत किया था, क्योंकि इससे उनके व्यापार को ’वैधता’ मिलती है।

दास ने संवाददाताओं से कहा, ‘निजी क्रिप्टो करेंसी या आप इसे जिस नाम से पुकारते हैं, यह हमारी वृहत आर्थिक स्थिरता और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा है। वे वित्तीय स्थिरता और व्यापक आर्थिक स्थिरता से जुड़े मुद्दों से निपटने की आरबीआई की क्षमता को कमजोर करेंगे।’

उन्होंने कहा कि निवेशकों को सावधान करना उनका ‘‘कर्तव्य’’ है, और उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं। दास ने आगे कहा, ‘उन्हें यह भी ध्यान रखना होगा कि क्रिप्टोकरेंसी में कोई अंर्तिनहित मूल्य नहीं है, यहां तक कि एक ट्यूलिप के बराबर भी नहीं।’

गौरतलब है कि 17वीं शताब्दी के ‘ट्यूलिप उन्माद’ को अक्सर असामान्य रूप से वित्तीय तेजी के एक उदाहरण के रूप में उद्धृत किया जाता है, जहां किसी चीज की कीमत सट्टेबाजी के कारण बहुत बढ़ जाती है, न कि अंर्तिनहित मूल्य के कारण।

RBI ने ई-रूपी वाउचर की सीमा बढ़ाई

विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग की अनुमति मुंबई, 10 फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर की सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया। साथ ही लाभार्थियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के डिजिटल वितरण की सुविधा के लिए इसके कई बार उपयोग की इजाजत दी।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा विकसित ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर को अगस्त 2021 में पेश किया गया था। तब इसे एक खास व्यक्ति और खास मकसद के लिए 10,000 रुपये के ‘कैशलेस वाउचर’ के रूप में जारी किया गया था। इसे सिर्फ एक बार भुनाने की सुविधा थी।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘लाभार्थियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के डिजिटल वितरण की सुविधा देने के लिए सरकारों द्वारा जारी किए गए ई-रूपी वाउचर की सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति वाउचर करने और ई-रूपी वाउचर के कई बार उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव है।’

दास ने कहा कि विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों द्वारा अन्य उपयोग के मामलों पर सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जुलाई में ई-रूपी की पेशकश की थी, और कहा था कि वाउचर-आधारित प्रणाली देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाएगी।

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