नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक के क्रिप्टो करेंसी को लेकर रुख से सरकार के इस संपत्ति वर्ग के लिये प्रस्तावित कानून में देरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा के अनुरूप केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) 2020-23 में आएगी। उन्होंने कहा कि देश इस मामले में धीरे-धीरे कदम बढ़ाएगा क्योंकि निजता तथा इसके मौद्रिक नीति पर प्रभाव को लेकर चिंता है।
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वित्त मंत्री ने एक फरवरी को अपने बजट भाषण में कहा था कि सीबीडीसी 2022-23 में जारी की जाएगी। सरकार की बिटकॉइन जैसे क्रिप्टो करेंसी के लिये 2021 के नवंबर-दिसंबर में संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने का प्रस्ताव था। लेकिन इसे पेश नहीं किया जा सका।
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पुणे इंटरनेशनल सेंटर के एक कार्यक्रम में पात्रा ने कहा, ‘‘आरबीआई का क्रिप्टो को लेकर विचार जगजाहिर है। मुझे लगता है कि इसी विचार की वजह से इसको लेकर विधेयक लाने में विलंब हुआ है। हम इस पर विस्तार से विचार-विमर्श करेंगे और सभी पहलुओं को देखेंगे।’’
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केंद्रीय बैंक क्रिप्टो करेंसी पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने के पक्ष में है। उसका कहना है कि इसका कोई अंर्तिनहित मूल्य नहीं है ओर इससे वित्तीय स्थिरता को खतरा है। सीबीडीसी के बारे में पात्रा ने कहा कि थोक मामले में इस प्रकार के उत्पाद हैं, लेकिन खुदरा क्षेत्र के लिये अभी काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम इस पर धीरे-धीरे कदम बढ़ाएंगे...निजता का मुद्दा है। मौद्रिक नीति का लाभ आगे पहुंचाने का मुद्दा है...।’’ पात्रा ने कहा कि आरबीआई इस मामले में धीरे-धीरे कदम उठा रहा है और सोच-विचार कर निर्णय करेगा।
क्रिप्टो विज्ञापनों में ‘अत्यधिक जोखिम’ के बारे में बताना होगा विज्ञापनदाताओं को क्रिप्टो उत्पाद और अन्य डिजिटल संपत्ति (नॉन-फंजीबल टोकन- एनएफटी) से संबंधित विज्ञापनों में एक अप्रैल से घोषणा या अस्वीकरण के जरिये यह बताना अनिवार्य होगा कि यह ‘अत्यधिक जोखिम’ और ‘बिना नियमन वाले’ उत्पाद हैं। एनएफटी दरअसल डिजिटल संपत्ति है, जिसका कारोबार किया जाता है । इस श्रेणी के उत्पादों में कला से जुड़े कार्य, संगीत, वीडियो गेम आदि शामिल हैं। भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने बुधवार को बताया कि इस तरह के विज्ञापनों में यह भी दिखाना अनिवार्य होगा कि क्रिप्टो के लेनदेन में किसी भी तरह के नुकसान के लिए नियामक जिम्मेदार नहीं होगा। एएससीआई के अनुसार, सभी ऑनलाइन डिजिटल संपत्ति (वीडीए) को क्रिप्टो की सेवाओं के विज्ञापनों में ‘महत्वपूर्ण और जरूरी’ बिंदुओं को अस्वीकरण में दर्शाना होगा। ऑनलाइन डिजिटल संपत्ति में क्रिप्टो या एनएफटी शामिल हैं।
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एएससीआई के अनुसार, क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन के दिशानिर्देशों की घोषणा उद्योग से जुड़े लोगों, सरकार और वित्तीय नियामकों के साथ परामर्श के बाद की गई है। नियामक की तरफ से ये दिशा-निर्देश ऐसे समय में जारी किये गए है, जब लगातार क्रिप्टो या एनएफटी से संबंधित विज्ञापनों की संख्या बढ़ती जा रही है। एससीआई के अध्यक्ष सुभाष कामत ने कहा कि एनएफटी और क्रिप्टो के विज्ञापन के लिए तय दिशा-निर्देशों की आवश्यकता है। यह निवेश का एक नया और अभी तक उभरता हुआ तरीका बन रहा है। इसलिए उपभोक्ताओं को जोखिमों के बारे में जागरूक करने और उन्हें सावधानी से आगे बढऩे के लिए आगाह करने की जरुरत है।’
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