नई दिल्ली/टीम डिजिटल। 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा (Red Fort Violence) मामले में आज यानी गुरुवार को दीप सिद्धू (Deep Sidhu) की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान दीप सिद्धू ने अपने को बेगुनाह बताते हुए सफाई दी है। सिद्धू के वकील ने कहा कि उसके खिलाफ ऐसा कोई भी सूबत मौजूद ही नहीं है जिससे ये साबित होता हो कि उसने लोगों को हिंसा के लिए भड़काया।
ट्रैक्टर रैली के लिए भीड़ को किसान नेताओं ने बुलवाया था। दीप सिद्धू को किसान यूनियन का सदस्य भी नहीं है। दीप ने किसी को भी लाल किले में बुलाने के लिए कोई फोन कॉल नहीं किया। दीप सिद्धू ने कोर्ट में अपने वकील के जरिए कहा कि उसने राजधानी दिल्ली में हिंसा का कोई भी अपराध नहीं किया है। हिंसा भड़कने से पहले ही उसने आंदोलन से खुद को अलग कर लिया था। दीप सिद्धू की जमानत याचिका पर अब अगली सुनवाई को सोमवार को होगी।
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टिकैत ने दीप सिद्धू को दिया ये संदेश वहीं बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि लाल केलि पर हुई हिंसा के आरोपी दीप सिद्धू अगर किसानों के साथ आना चाहते हैं तो आ सकते हैं। इसमें कोई बुराई नहीं है। टिकैत ने ये बात बुधवार को पांवटा साहिब जाते समय पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कही। साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
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केंद्र सरकार पर किया ये कटाक्ष टिकैत ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए किसान पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक कोरोना की बात है तो किसान सरकार की सभी गाइडलाइन्स का पालन करते हुए अपना आंदोलन जारी रखेंगे। वहीं वैक्सीनेशन को लेकर सरकार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जब सभी नेता और उनके परिवार वाले वैक्सीन लगवा लेंगे तब वो टीकाकरण के बारे में सोचेंगे।
वहीं आंदोनल से किसानों की संख्या कम होने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि जिस प्रकार सरकार ने नेताओं को बंगाल चुनाव के लिए भेजा हुआ है, उसी प्रकार हमने किसानों को गेहूं की फसल काटने के लिए भेजा हुआ है।
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