Tuesday, May 30, 2023
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rekha sharma go to jafrabad to meet people

महिला आयोग : मालीवाल के बाद रेखा शर्मा ने किया दंगा प्रभावित दिल्ली का दौरा

  • Updated on 2/28/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन में कई लोगों की जान जा चुकी है। इसी बीच राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) की अध्यक्ष रेखा शर्मा (Rekha Sharma), 2 सदस्यों के साथ जाफरबाद की महिलाओं से मिलने के लिए दौरा किया। उन्होंने कहा कि यहां थोड़ा तनाव है लेकिन पूरे माहौल में शांति है। कल में फिर से यहां पर आऊंगी।

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शवगृह के बाहर लंबा इंतजार
उत्तर पूर्वी दिल्ली (North East Delhi) के कई इलाकों में हिंसा में लोगों को अपनों को खोने का गम साल रहा है, वहीं उनके शवों को लेने के लिए उनके रिश्तेदारों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। जीटीबी अस्पताल (GTB Hospital) के शवगृह के बाहर लंबा इंतजार कर रहे लोगों की बेबसी देखते ही बनती है।

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परिजनों के लापता के बाद से लोग है दुःखी
असल में किसी के शव को सौंपने की प्रक्रिया से पहले पोस्टमार्टम से गुजरना पड़ता है। जिस कारण यह देरी हो रही है। लोगों के सामने सबसे बड़ी दुविधा यह है कि हिंसा भड़कने के बाद से लापता रहे अपने लोगों का ही शव है या नहीं इसके बारे में पता नहीं लग पा रहा है। इसके अलावा अगर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है, यह भी पता लगाने में कठिनाई हो रही है।जीटीबी अस्पताल के शवगृह के बाहर इंतजार कर रहे ३५ वर्षीय मुदस्सिर खान के रिश्तेदारों ने कहा कि वे अब तक सदमे से उबर नहीं पाए हैं।

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हालात हो रहे है तेजी से सामान्य
उनके भतीजे अरबाज खान ने कहा कि यहां पिछले दो दिन से आ रहे हैं। कल प्रभारी जांच अधिकारी ने कहा कि फाइलें तैयार हैं और पोस्टमार्टम (Postmortem) किये जाएंगे। आज हम सुबह आठ बजे से ही प्रतीक्षा कर रहे हैं और पोस्टमॉर्टम चल रहा है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि शव जल्द मिल जाएगा। हमलोग आज ही अंतिम संस्कार करेंगे।अपने क्षेत्र मुस्तफाबाद में हालात के बारे में अरबाज ने कहा कि हालात सामान्य हो रहे हैं लेकिन लोगों में अब भी डर कायम है।

उसने कहा कि कोई चैन से नहीं सो पा रहा है। अब भी डर बना हुआ है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, हर व्यक्ति घरों के अंदर ही रहना मुनासिब समझ रहा है। यहां तक कि हमलोग भी यात्रा के लिए अपने वाहनों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। इन तीन दिनों में जो भी हुआ उससे हमलोग सदमे में हैं।

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