Thursday, Mar 30, 2023
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धर्म राजनीति में वर्चस्व की शुरु हुई 'अधर्मी लड़ाई'

  • Updated on 4/19/2018

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सिख धर्म की रक्षा और प्रचार प्रसार के लिए गठित की गई दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अपने मूल मससद से भटक गई है। वह सिखी की रक्षा की बजाय महिला उत्पीड़न जैसे गंभीर मामले में उलझ कर रह गई है। पिछले एक सप्ताह से कमेटी प्रबंधन के बीच चल रहे शीत युद्ध के चलते कमेटी का कामकाज ठप पड़ गया है। साथ ही कर्मचारियों और अधिकारियों में दहशत का माहौल है। बुधवार को कमेटी में अजीबो गरीब स्थिति बनी रही।

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कमेटी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने सुबह से शाम तक 6 चिट्ठी जारी किए। जवाब में कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने भी पलटवार कर दिया। कालका ने तो अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को पत्र लिखकर सिरसा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गुहार लगाई। साथ ही कहा कि सिरसा पार्टी और कमेटी की छवि खराब कर रहे हैं। वह कार्यालय के अंतरिम पत्रों को भी सोशल मीडिया एवं मीडिया को जारी कर रहे हैे। इसके अलावा उन्होंने जिस परमजीवन जोत सिंह  को कार्यकारी महाप्रबंधक की जिम्मेदारी सौंपी है, वह कमेटी के अस्थाई कर्मचारी है, उन्हें जीएम कैसे बना दिया।

कालका ने सुखबीर बादल को कहा है कि सिरसा की पहली चिट्ठी तकनीकी रूप से गलत है इसलिए मै इसका विरोध कर रहा हूं। लिहाजा, सिरसा के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्रवाई होनी चाहिए। कालका ने दूसरी चिट्ठी महासचिव सिरसा को लिखी, साथ ही  पूछा कि उस जनरल हाउस में आपने प्रधान को पावर देने का समर्थन किया था तो आज विरोध क्यों कर रहे हैं। इसके अलावा अस्थायी अधिकारी परमजीवन जोत सिंह को कार्यकारी जनरल मैनेजर बनाने को सिरसा के एक्ट के बारे अल्प ज्ञान से जोड़ा है। इसके साथ ही अपने पुराने आदेशों के बरकरार रहने की सिरसा को जानकारी दी है। 

अपने बचाव में उतरे दोनों अधिकारी, पहुंचे थाने 

 कमेटी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा निलंबित किए गए महाप्रबंधक हरजीत सिंह सूबेदार और उपमहाप्रबंधक सुखविन्दर सिंह  भी अपने बचाव में बुधवार को मैदान में उतरे। दोनों अधिकारियों ने सुबह नार्थ एवेन्यू थाने में शिकायत पत्र देकर महासचिव सिरसा के द्वारा धमकाने और नौकरी पर ना आने देने की शिकायत दी है। साथ ही बताया है कि कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने उनका निलंबन कैंसिल कर दिया है। 

तीनों अधिकारी कमेटी में दिखे तो केस दर्ज होगा 

महिला उत्पीडऩ के मामले में तीन अधिकारियों महाप्रबंधक हरजीत सिंह सूबेदार और उपमहाप्रबंधक सुखविन्दर सिंह  एवं बलबीर सिंह  को सजा देने वाले कमेटी महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा आज भी अपने फैसलों पर अडिग हैं। उन्होंने बुधवार को वर्तमान महाप्रबंधक को कहा है कि तीनों निलंबित अधिकारी अगर कमेटी में दिखते हैं तो तत्काल उनके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो वह स्वयं (सिरसा) कार्यकारी महाप्रबंधक के खिलाफ केस दर्ज करवा देंगे। सिरसा ने कमेटी के सीएलओ को भी चिटठी जारी कर कानून तोडऩे वाले अधिकारियों के खिलाफ केज दर्ज कराने का आदेश दिया है। हालांकि, सिरसा ने मामले को बिगड़ता देख नार्थ एवेंन्यू पुलिस थाने में निलंबित महाप्रबंधक के खिलाफ बिना इजाजत के कमेटी कार्यालय में घूमने की शिकायत भी दर्ज करा दिया है।  

जांच कमेटी ने तीनों अधिकारियों को किया तलब 

महिला उत्पीडऩ के आरोंपों से घिरे तीनों वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जांच के लिए बनाई गई 4 सदस्यीय कमेटी के प्रमुख सर्वजीत सिंह विर्क ने आज नोटिस जारी कर तीनों अधिकारियों को तलब कर लिया है। साथ ही कल सुबह पूछताछ के लिए पंजाबी बाग स्कूल में बुलाया है। जांच कमेटी ने कहा है कि उन्होंने अपनी जांच शुरू कर दी है, लिहाजा अधिकारियों को समय पर पहुंचना ही होगा।

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