Sunday, Oct 01, 2023
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removal of excerpts from speeches, suspension of mp shows bjp dictatorial face: congress

भाषणों से अंश हटाने, सांसद के निलंबन से दिखता है भाजपा का 'तानाशाही चेहरा': कांग्रेस

  • Updated on 2/12/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि उसके नेताओं की टिप्पणियों के अंश हटाना और उसके राज्यसभा सदस्य को निलंबित किया जाना ‘‘खुलेआम पक्षपात'' है तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार विपक्ष को ‘आतंकित' करके संसद में ‘‘सत्तावादी प्रभुत्व'' स्थापित करना चाहती है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि भाजपा नहीं चाहती कि संसद सर्वसम्मति, सहयोग और सहमति से चले, बल्कि वह इसे ‘टकराव, अराजकता और संघर्ष' से चलाना चाहती है।

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की कई टिप्पणियों को ‘अलोकतांत्रिक और असंसदीय' तरीके से हटाने तथा राज्यसभा से रजनी पाटिल के निलंबन में भाजपा और सत्तारूढ़ व्यवस्था का ‘निरंकुश एवं तानाशाही चेहरा' संसद के प्रत्येक सदन में पूरी तरह दिखा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विपक्ष को भयभीत, आतंकित, प्रताड़ित कर संसद में सत्तावादी प्रभुत्व स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

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पिछले सप्ताह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में भाग लेने के दौरान क्रमश: लोकसभा और राज्यसभा में गांधी और खरगे के भाषणों से शब्द निकाले जाने की ओर इशारा करते हुए सिंघवी ने कहा कि इसमें कहा गया एक शब्द भी शब्द हटाने की शक्ति के उपयोग को न्यायोचित नहीं ठहराता। उन्होंने कहा, ‘‘असंसदीय भाषा का कोई उपयोग नहीं हुआ, कोई अपशब्द नहीं बोला गया, किसी संस्था का अपमान नहीं किया गया, कोई आपत्तिजनक या अपमानजनक शब्द या वाक्यांश नहीं है।''

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यहां एआईसीसी (भारतीय जीवन बीमा निगम) मुख्यालय में उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘उन भाषणों में ऐसा कुछ भी नहीं है जो किसी तरह से अपमानजनक या अभद्र या असंसदीय या अशोभनीय हो।' राज्यसभा सदस्य ने कहा कि अध्यक्ष और सभापति संवैधानिक पदाधिकारी होते हैं और वे सदनों के अंदर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संरक्षक तथा रक्षक हैं "जो हमारे लोकतंत्र का एक मूलभूत स्तंभ हैं, विशेष रूप से लोकतंत्र के मंदिर अर्थात संसद के भीतर।''

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सिंघवी ने कहा कि उनकी मजबूत ढाल के बिना स्वस्थ संसदीय चर्चा और बहस की भावना खत्म हो जाएगी। सिंघवी ने कहा कि नौ फरवरी को राज्यसभा में प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान सदन की कार्यवाही की कथित वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए सांसद को 15 मिनट के ‘सर्जिकल स्ट्राइक' में निलंबित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि कोई ‘कारण बताओ' नोटिस जारी नहीं किया गया और न ही कोई पूर्व सूचना दी गई। 

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