नई दिल्ली/टीम डिजिटल। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर कोरोना वायरस की जानकारियों को छुपाने का आरोप लगाया था और ये भी कहा था कि ये वायरस चीन की ही लैब से दुनिया में फैला है। लेकिन इस बात का अमेरिका की तरफ से कोई प्रमाण अभी तक सामने नहीं आ सका है।
लेकिन इस बीच एक रिपोर्ट ने कोरोना वायरस और चीन की जानकारियां छुपाने की शंकाओं को एक बार फिर जगा दिया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने कोरोना से जुड़ी जानकारियां छुपाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का सहारा लिया है!
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क्या कहती है ये रिपोर्ट इस दावे के बारे में, जर्मनी की न्यूज मैगजीन डेर स्पीगेल ने देश की फेडरल इंटेलिजेंस सर्विस से मिली जानकारी के आधार पर ये दावा किया है। कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने निजी तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडहैनम घेब्रियेसुस को ये कहा था कि वो कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक चेतावनी जारी करने में देर करें। लेकिन इस दावे के सामने आने के बाद डब्लूएचओ ने बयान जारी किया है।
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डब्लूएचओ ने दिया बयान इस दावे के बाद डब्लूएचओ ने कहा है कि यह दावा निराधार है, झूठा है। डब्लूएचओ ने दावा किया है कि चीन और उन्हें बीच कभी फोन पर बात नहीं हुई है और न ही 21 जनवरी को दोनों के बीच कोई बात हुई है। साथ ही डब्लूएचओ ने ये भी कहा है कि इस तरह की कोई भी रिपोर्ट कोरोना को खत्म करने के लिए काम कर रहे संगठन और दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश करती है।
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क्या है बीएनडी का दावा दरअसल, इस मामले में जर्मनी की फेडरल इंटेलिजेंस सर्विस जिसे बीएनडी भी कहते हैं, ने एक रिपोर्ट तैयार की है जिसमें इस बात का खुलासा किया गया है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और डब्लूएचओ डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडहैनम घेब्रियेसुस के बीच जनवरी में फोन पर बातचीत हुई थी।
दावा किया जा रहा है कि इस बातचीत में चीन के नेता शी जिनपिंग ने 21 जनवरी को डब्लूएचओ प्रमुख टेड्रोस से कहा कि वे इंसान से इंसान में फैलने वाले संक्रमण की जानकारी अभी किसी को न दें और कोरोना महामारी की चेतावनी जारी करने में देर करें।
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अगर ऐसा हुआ तो... वहीँ, इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है और इसकी पुष्टि करने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन अगर ये दावा सही साबित हुआ तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन पर लगाए गये आरोप भी सही साबित हो जाएंगे।
बता दें, कि ट्रंप ने चीन और डब्लूएचओ के मिले होने की बात कही थी साथ ही उन्होंने डब्लूएचओ को दिए जाने वाले फंड को भी रोक दिया था और डब्लूएचओ प्रमुख के इस्तीफे की भी मांग की थी।
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