Sunday, Sep 24, 2023
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गणतंत्र दिवस 2021: जानें किन देशों से हैं भारतीय संविधान का खास नाता

  • Updated on 1/26/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। आज देशभर में 72वां गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) मनाया जा रहा है, जिसके लिए राजपथ पर परेड का आयोजन किया गया है। इस बार कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के कारण इस ऐतिहासिक दिन के आयोजन में कई बदलाव किए गए हैं। 71 वर्ष पहले 26 जनवरी, 1950 को भारत ने अपना संविधान लागू किया था। उस दिन को देश में गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है जो डॉ भीमराव आंबेडकर भारत की संविधान निर्मात्री सभा के अध्यक्ष थे। आजादी के बाद से इन सात दशकों में समय-समय पर वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार कई संशोधन भी किए गए। संविधान से जुड़ीं प्रमुख व्यवस्था और प्रावधान कई जगह से लिए गए हैं। 

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  • सबसे ज्यादा भारत की संसदीय शासन प्रणाली ब्रिटेन से प्रेरित है। संविधान में एकल नागरिकता, कानून निर्माण प्रक्रिया, विधि का शासन, मंत्रिमंडल प्रणाली, न्यायालय के विशेषाधिकार, संसदीय विशेषाधिकार और द्वि-सदनवाद को ब्रिटिश संविधान से लिया गया है। भारतीय संविधान में संयुक्त राज्य अमेरिका संविधान की सर्वोच्चता है, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निर्वाचित राष्ट्रपति और उस पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति, उच्चतम और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधि और अनुच्छेद-360 के तहत वित्तीय आपातकाल, मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन की व्यवस्था को अमेरिका के संविधान से लिया गया है। 

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  • भारत के संविधान में आपातकाल के समय के अधिकारों के संबंध में प्रावधान जर्मनी के संविधान से लिए गए हैं। जिसमें आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति के पास मौलिक अधिकार के निलंबन संबंधी शक्तियां हैं। यहां भारतीय संविधान में आपात उपबंधों को तीन भागों में बांटा गया है। इनमें अनुच्छेद-352 के तहत राष्ट्रीय आपात स्थिति, अनुच्छेद-356 के तहत राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता या राष्ट्रपति शासन की स्थिति और अनुच्छेद-360 के तहत वित्तीय आपात स्थिति के प्रावधान हैं।
  • वहीं दक्षिण अफ्रीका से भारतीय संविधान में संविधान संशोधन की प्रक्रिया संबंधी प्रावधान, राज्यसभा में सदस्यों का निर्वाचन प्रणाली लिए गए हैं। भारतीय संविधान में राज्य के नीति निर्देशक तत्व, राष्ट्रपति के निर्वाचक-मंडल की व्यवस्था, राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा में 12 सदस्यों का मनोनयन (साहित्य, कला, विज्ञान तथा सामाजिक सेवा आदि के क्षेत्र से सम्मानित व्यक्ति) जैसे प्रावधान आयरलैंड के संविधान से लिए गए है। वहीं ऑस्ट्रेलिया से भारतीय संविधान की प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केंद्र एवं राज्य के बीच संबंध तथा शक्तियों का विभाजन, व्यापार-वाणिज्य और संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक आदि व्यवस्थाओं को ऑस्ट्रेलिया के संविधान से लेकर भारतीय संविधान में जोड़ा गया है। 

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  • भारतीय संविधान में संघीय शासन व्यवस्था के प्रावधान, केंद्र के अधीन अतिविशिष्ट शक्तियां, केंद्र द्वारा राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति और राष्ट्रपति का उच्चतम न्यायालय से परामर्श प्राप्त करने की व्यवस्था, यूनियन ऑफ स्टे्टस शब्द की अवधारणा आदि कनाडा के संविधान से लिए गए हैं। सोवियत संघ (Soviet Union) भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों के प्रावधान, मूल कर्तव्यों और प्रस्तावना में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का आदर्श तत्कालीन सोवियत संघ यानी रूस के संविधान से लिए गए हैं। 

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  • जापान से भारतीय संविधान में विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया को जापान से लिया गया है। संविधान में अनुच्छेद-21 की व्यापकता के अंतर्गत न्यायपालिका के कई मसलों पर विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया पर सम्यक प्रक्रिया यानी उसे कानून चुनौती देने को सर्वोच्चता दी है। वहीं फ्रांस से भारतीय संविधान में गणतंत्रात्मक और प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समता, बंधुता के आदर्श का सिद्धांत फ्रांस से लिया गया है। गौरतलब है कि भारतीय संविधान में इन तीनों को लोकतंत्र की आत्मा के तौर पर परिभाषित किया गया है।

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