नई दिल्ली/टीम डिजिटल। जम्मू में रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच परंपरा और हर्षोल्लास के साथ 71वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। मुख्य कार्यक्रम में उपराज्यपाल जी. सी. मुर्मू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद यह पहला गणतंत्र दिवस है।
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मुर्मू ने जम्मू के बीचोबीच लोगों से ठसाठस भरे मौलाना आजाद स्टेडियम में तिरंगा फहराया और परेड का निरीक्षण करने के साथ भव्य मार्च पास्ट की सलामी ली जिसका नेतृत्व जम्मू-कश्मीर लाइट इंफैंट्री (जेएकेएलआई) की पांचवीं बटालियन के कर्नल राजेश कुमार शर्मा ने किया।
उपराज्यपाल ने कार्यक्रम को संबोधित किया
जेएकेएलआई के अलावा सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, जम्मू-कश्मीर सशस्त्र पुलिस, भारतीय रिजर्व पुलिस, आपदा मोचन बल, जम्मू-कश्मीर अग्नि एवं आपदा सेवा, पूर्व सैनिक, राष्ट्रीय कैडट कोर और भारत स्काउट की टुकड़ियों ने भी मार्च पास्ट में हिस्सा लिया।
उपराज्यपाल ने कार्यक्रम को संबोधित किया। परेड के अलावा बालकों और बालिकाओं ने सांस्कृतिक और खेलकूद का कार्यक्रम पेश किया और स्थानीय पुलिस के दस्ते ने मोटरसाइकिल पर हैरतअंगेज करतब दिखाए। कार्यक्रम की शुरुआत में वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने पुष्पवर्षा की जो आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा और पूरे कार्यक्रम के दौरान नियमित अंतराल पर तीन हेलीकॉप्टर ऊपर से गुजरे।
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जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री, नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अभी श्रीनगर में हिरासत में हैं इसलिए कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रमुख नेताओं में जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना रहे। कार्यक्रम के अंत में रैना ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए यह गणतंत्र दिवस ऐतिहासिक है क्योंकि हमारे शहीदों के ‘एक निशान, एक विधान और प्रधान’ का सपना सच हुआ है। केवल राष्ट्रीय ध्वज ही इस बार फहराया गया।’’
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एक भारत श्रेष्ठ भारत’’का सपना सच हुआ
उन्होंने कहा, ‘‘ अनुच्छेद-370 खत्म होने के साथ ‘‘ एक भारत श्रेष्ठ भारत’’का सपना सच हुआ है। यह देश को विश्व शक्ति बनाने की शपथ लेने का दिन है।’’ हालांकि, उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों की अनुपस्थिति पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया जो पिछले साल पांच अगस्त से हिरासत में हैं। ध्वजारोहण के आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल होने से पहले उपराज्यपाल बालिदान स्तंभ गए और देश सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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बलिदान स्तंभ पर कार्यक्रम सेना ने गणतंत्र दिवस समारोह के तहत आयोजित किया। सुरक्षा बलों द्वारा कथित उत्पीडऩ से नाराज एक समूह की ओर से कार्यक्रम का बहिष्कार करने के मद्देनजर पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने सड़कों को सील कर दिया था और विशेष पास वाले वाहनों को आने की अनुमति थी।
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गणतंत्र दिवस के मौके पर पूरे शहर में स्थानीय लोगों, दुकानदारों में देशभक्ति की भावना दिखी और उन्होंने अपने मोहल्लों में ध्वजारोहण किया जबकि युवा अपने मोटरसाइकिल पर तिरंगा लगाए और देशभक्ति के नारे लगाते हुए दिखे। कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), भाजपा और नेशनल पैंथर्स पार्टी सहित लगभग सभी पाॢटयों ने अपने कार्यालय के बाहर ध्वजारोहण किया।
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कश्मीर में मोबाइल सेवाएं निलंबित गणतंत्र दिवस का उत्सव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए एहतियात के तौर पर कश्मीर घाटी में रविवार को फोन सेवाएं निलंबित कर दी गईं। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को इंटरनेट सेवा बहाल होने के कुछ घंटे बाद ही मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं। रविवार तड़के मोबाइल फोन संपर्क सेवा निलंबित कर दी गई। घाटी में 2005 से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवा बंद करना सुरक्षा ड्रिल का हिस्सा है। दरअसल 2005 में आतंकवादियों ने मोबाइल फोन के जरिए स्वतंत्रता दिवस समारोह के निकट आईईडी विस्फोट किया था।
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इसी बीच गणतंत्र दिवस का उत्सव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। घाटी में मुख्य आधिकारिक कार्यक्रम स्थल की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर सुरक्षा बल तैनात हैं ताकि विध्वंसकारी ताकतें अपने षडंयंत्रों में सफल न हो पाएं। घाटी में ऊंची इमारतों पर भी सुरक्षाबल तैनात हैं। हालांकि घाटी में सड़कों से लोग नदारद हैं क्योंकि ज्यादातर लोगों ने घरों में रहने को ही तरजीह दी है।
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