नई दिल्ली, (नवोदय टाइम्स)। इस बार गणतंत्र दिवस पर एक नया इतिहास बनने जा रहा है। स्वतंत्र भारत में पहली बार ऐसा होगा कि दोपहर तक राजपथ पर देश की सैन्य शक्ति दिखेगी तो दोपहर बाद दिल्ली की सीमाओं पर ट्रैक्टर परेड कर किसान अपना दमखम दिखाएंगे। राजपथ परेड में पहली बार राफेल लड़ाकू विमान फ्लाई पास्ट करता दिखेगा तो किसानों के परेड में 1962 का बना ट्रैक्टर दिखाई देखा। राजपथ के फ्लाई पास्ट में 42 एयर क्राफ्ट होंगे तो किसानों के परेड में एक लाख से ज्यादा ट्रैक्टरों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है।
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देश आज अपना 72वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। राजपथ पर 32 झांकियों के जरिए जहां देश की आन-बान और शान के साथ सांस्कृतिक विरासत तथा सैन्य शौर्य का प्रदर्शन होगा वहीं दोपहर बाद दिल्ली की सीमा पर देश का किसान अपनी शक्ति का प्रदर्शन करता दिखेगा। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार किसान दिल्ली के बाहरी इलाकों में ट्रैक्टर परेड करेंगे। इसे उन्होंने किसान गणतंत्र परेड नाम दिया है। ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए दूर-दूर से किसान अपना ट्रैक्टर लेकर दिल्ली पहुंच रहे हैं। इस परेड में प्रमुख रूप से तीन जगहों से किसान शामिल होंगे।
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गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंघू बॉर्डर। दिल्ली पुलिस ने 37 शर्तों के साथ इस परेड को अनापत्ति (एनओसी) दी है। इसमें 5000 ट्रैक्टर और केवल 5000 ही लोगों के शामिल होने की अनुमति दी है। लेकिन इस परेड का आयोजन कर रहे किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा का दावा है कि ट्रैक्टर परेड में एक लाख से ज्यादा किसान हिस्सा ले रहे हैं। यह करीब 500 किलोमीटर की परेड अनुमानित है।
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तीनों नए केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देने की मांग लेकर दिल्ली की सीमाएं घेरे बैठे किसानों को करीब दो महीने बीत चुके हैं। इस बीच गतिरोध दूर करने को सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता भी हो चुकी है। नतीजा अभी तक सिफर ही रहा। सरकार कानूनों को रद्द करने को तैयार नहीं है और किसान इससे कम पर मानने को राजी नहीं हैं। 22 जनवरी को हुई 11वें दौर की वार्ता काफी तल्खी भरे माहौल में हुई। पांच घंटे की वार्ता में बातचीत महज 30 मिनट हुई।
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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर यह कहते हुए वार्ता छोड़ कर उठ गए कि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित करने का सरकार ने जो प्रस्ताव दिया है, वह सबसे बेहतर है। उस पर सहमति बना कर हमें बता दें, इसके बाद आगे बात होगी। यह बात किसानों को और चुभ गई है। किसान इसे सरकार का अहंकारी रवैया कह रहे हैं। अब किसान सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराने पर आमादा है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में गण पर तंत्र हावी हो गया है, इस बार गणतंत्र दिवस पर गण अपनी ताकत तंत्र को दिखाएगा। ---किसान गणतंत्र परेड में एक लाख से ज्यादा ट्रैक्टर होंगे इस आंदोलन में प्रमुख रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के किसान शामिल हैं, लेकिन देश के दूसरे राज्यों के भी किसानों का समर्थन मिल रहा है। बड़ी संख्या में राजस्थान से भी किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली पहुंच रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र में सोमवार को किसानों की एक बड़ी रैली हुई है। तमिलनाडु में भी किसानों ने प्रदर्शन कर समर्थन दिया है। वहीं किसान ट्रैक्टर परेड में एक लाख से ज्यादा ट्रैक्टरों के शामिल होने का दावा किसान नेता कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने किसानों से अपील की है कि अगर पुलिस किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोके तो जहां हैं, वहीं रहकर अपने ट्रैक्टर के साथ प्रदर्शन का हिस्सा बनें। ---राजपथ परेड में सिर्फ 42 एयर क्राफ्ट करेंगे फ्लाई पास्ट गणतंत्र दिवस समारोह में राजपथ पर इस बार फ्लाई पास्ट में कुल 42 एयर क्राफ्ट होंगे, जिनमें 15 लड़ाकू विमान, 5 परिवहन विमान और 17 हेलीकॉप्टर व एक वेंडेज एयरक्राफ्ट होगा। इनके अलावा 4 आर्मी एविएशन के हेलीकॉप्टर होंगे। इस बार कई नए फॉर्मेशन देखने को मिलेंगे। श्रुद्रश् फॉर्मेशन होगा, जिसमें एक डकोटा विमान और उसके साथ दो हेलीकॉप्टर एक साथ उड़ते हुए दिखाई देंगे। एकलव्य फॉर्मेशन होगा, जिसमें एक रफाल, दो जगुआर, दो मिग-29 विमान दिखेंगे। आखिर में एक रफाल अपने करतब दिखाएगा। ---राजपथ पर सिर्फ 25 हजार दर्शक शामिल होंगे कोरोना महामारी के बीच राजपथ पर इस बार होने जा रहे गणतंत्र समारोह में कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। दर्शकों की संख्या 25 हजार तक सीमित कर दी गई है। इसी के चलते इस बार पूर्व सैनिकों का दस्ता नहीं होगा। रंगारंग कार्यक्रम में 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे ही शामिल होंगे और कुल 18 दस्ते, 32 झांकियां होंगी। हर दस्ते में 144 जवानों के बजाय 96 जवानों की ही संख्या होगी। परेड में बांग्लादेश का दस्ता खास आकर्षण का केंद्र होगा जो 1971 के बांग्लादेश लिबरेशन युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर परेड में हिस्सा ले रहा है। सेना और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के 36 बैंड शामिल होंगे। ---एक फरवरी को संसद मार्च करेंगे किसान किसान गणतंत्र परेड की तैयारी में लगे किसानों ने सोमवार को इससे आगे तक अपने आंदोलन को ले जाने की घोषणा कर दी। एक फरवरी को जिस दिन संसद में बजट पेश हो रहा होगा, किसान संसद मार्च करेंगे। क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शनपाल ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि किसान पैदल संसद तक मार्च करेंगे। ---किसानों को सरकार की पेशकश सर्वश्रेष्ठः तोमर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर कहा कि कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित करने की सर्वश्रेष्ठ पेशकश है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि किसान संगठन पर इस पर पुनर्विचार करेंगे और अपने फैसले से अवगत कराएंगे। मालूम हो कि मंत्री ने 10वें दौर की वार्ता में यह प्रस्ताव दिया था। 11वें दौर की वार्ता में किसानों ने सरकार की पेशकश ठुकरा दी।
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