नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली में तपोवन-रैणी आपदा (Tapovan-Rain disaster) के बाद से चल लगातार अलग-अलग तरह से रेस्क्यू आपरेशन चलाए जा रहे हैं। चमोली के तपोवन में एनटीपीसी की विष्णुगाड परियोजना की मुख्य टनल में मलबे में दबे तीन और शव मिले। यहां से अब तक आठ शव बरामद हो चुके हैं। इस टनल के रास्ते सिल्ट फ्लशिंग टनल (एसएफटी) में सात फरवरी को काम करने गए 34 व्यक्तियों की तलाश में दिन-रात रेस्क्यू चल रहा है। रेस्क्यू आपरेशन में सोमवार को एक शव मैठाणा इलाके में और एक शव श्रीनगर में अलकनंदा हाइड्रो प्रोजेक्ट के बैराज से मिला है।
तपोवन टनल में 8 दिन बाद 5 शव मिले लापता लोगों में से अभी तक 56 के शव मिल चुके हैं वहीं 148 अन्य की तलाश जारी है। सोमवार तक इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 53 हो गई। रविवार को रेस्क्यू आपरेशन के दौरान कुल 19 शव बरामद किए गए। तपोवन टनल में 8 दिन बाद 5 शवों के मिलने के बाद यहां फंसे लोगों के जिंदा लौटने की आस खत्म होने लगी है। तपोवन में बनी परियोजना की टनल में बीते 8 दिनों से 35 लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू आपरेशन चलाया जा रहा था।
लापता 204 लोगों में से 57 शव हुए बरामद रविवार को रेस्क्यू आपरेशन के दौरान तपोवन टनल से 6, रैणी गांव में चल रहे सर्च अभियान के दौरान 7 और रुद्रप्रयाग में 1 शव बरामद किया गया। अब तक आपदा में लापता 204 लोगों में से 57 शवों और 22 मानव अंगों को बरामद किया जा चुका है। इनमें से 24 शवों और 1 मानव अंग की शिनाख्त की जा चुकी है। अन्य शवों और अंगों के डी.एन.ए. सुरक्षित कर लिए गए हैं।
युद्ध स्तर पर जारी है रेस्क्यू आपरेशन वहीं विकासनगर कालसी क्षेत्र के गांव पंजिया के लापता 4 युवकों के शव न मिलने पर परिजनों ने निराश होकर हरिपुर श्मशान घाट पर उनके पुतले जलाकर अंतिम संस्कार किया। तपोवन बैराज क्षेत्र में खोजबीन के लिए पोकलैंड और जे.सी.बी. मशीनों की मदद से मार्ग बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। रविवार को प्रशासन की ओर से चमोली में एक शव, एक अंग और कर्णप्रयाग में एक शव और 2अंगों का दाह संस्कार किया गया।
उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को मौसम ने करवट बदल ली है। जिले के गोपेश्वर, कर्णप्रयाग में रविवार दोपहर के बाद से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। ऐसे में तपोवन-रैणी में चल रहे रेस्क्यू और सर्च अभियान को लेकर प्रशासन की चिंता बढ़ रही है।
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