Wednesday, May 31, 2023
-->
Reserve Bank maintains repo rate at 4 percent musrnt

रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा, जानें मुख्य बातें

  • Updated on 10/9/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की समीक्षा के बारे में जानकारी देते हुए यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि आरबीआई आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख को बनाये रखेगा। नरम रुख से कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यववस्था को गति देने के लिये जरूरत पड़ने पर नीतिगत दरों में कटौती की जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिश्त पर बरकरार रखा जा रहा है।’ रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी।

दास ने कहा कि मैद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर को यथावत रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये उदार रुख बनाये रखने के पक्ष में मतदान किया। उन्होंने कहा कि पहली छमाही में जो पुनरूद्धार देखने को मिला है, वह दूसरी छमाही में और मजबूत होगा। तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां तेज होने की उम्मीद है। दास ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट पर विराम लगेगा और चौथी तिमाही में यह सकारात्मक दायरे में पहुंच जायेगी।

मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें

रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की समीक्षा पर हुई इस साल की पांचवीं बैठक में नीतिगत दर को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा है। नवगठित मौद्रिक नीति समिति की यह पहली बैठक हुई। बैठक में लिये गये फैसलों की मुख्य बातें इस प्रकार हैंः-    

 - रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा।

- आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख बरकरार रखने की घोषणा की।

- दास ने कहा, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निणार्यक चरण में प्रवेश कर रही है।

- अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है, स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं।

- नियंत्रण अथवा अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत।

- चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान।

- जीडीपी के चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक संकुचन के रास्ते से हटकर फिर से वृद्धि के रास्ते पर आने का अनुमान।

- वित्त वर्ष की पहली छमाही के धीमे सुधार को दूसरी छमाही में मिल सकती है गति, तीसरी तिमाही से आर्थिक गतिविधियां बढ़ने लगेंगी।

- चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी दर में आ सकती है 9.5 प्रतिशत की गिरावट।

- रिजर्व बैंक प्रणाली में संतोषजनक तरलता की स्थिति बनाये रखेगा, अगले सप्ताह खुले बाजार परिचालन के तहत 20,000 करोड़ रुपये जारी किये जायेंगे।

- मुद्रास्फीति में आया मौजूदा उभार अस्थायी, कृषि परि²श्य दिख रहा उज्ज्वल, कच्चे तेल की कीमतें दायरे में रहने की उम्मीद।

comments

.
.
.
.
.