नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) से बढ़ती तल्खी की खबरों के बीच कहा कि उन्हें अखिलेश यादव की तरफ से ‘तलाक’ मिलने का इंतजार है और वह सपा से गठबंधन तोड़ने को लेकर अपने स्तर से पहल नहीं करेंगे।
सुभासपा और सपा के बीच तल्खी बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति पद के लिये विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की पत्रकार वार्ता में भी नजर आयी थी क्योंकि सपा ने इस पत्रकार वार्ता में गठबंधन के एक अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत सिंह को तो बुलाया था लेकिन सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर नजर नहीं आए थे।
मऊ जिले के मऊ में पार्टी की एक बैठक में सम्मिलित होने जा रहे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजभर ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह सपा से गठबंधन तोड़ने को लेकर अपने स्तर से पहल नहीं करेंगे। उन्होंने सपा से तल्खी को लेकर मीडिया में आई खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘उन्हें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से ‘तलाक’ मिलने का इंतजार है।’ उन्होंने कहा, ‘वह अब भी सपा के साथ हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यदि उन्हें अपने साथ नहीं रखना चाहेंगे तो वह सपा के साथ जबरदस्ती नहीं रहेंगे।’
उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा विपक्षी दलों के राष्ट्रपति पद के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन में आयोजित बैठक में सम्मिलित नहीं होने को लेकर पूछे जाने पर कहा कि अखिलेश यादव भूल गए होंगे, इसलिए उन्हें बैठक में नहीं बुलाया। राजभर ने एक सवाल के जबाव में कहा कि वह राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर समर्थन के मसले पर अपने फैसले की घोषणा 12 जुलाई को करेंगे। उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार को मऊ और शनिवार को बलिया एवं गाजीपुर में पार्टी के कार्यकर्ताओं से बात करेंगे तथा इसके बाद अपना फैसला सार्वजनिक करेंगे। उन्होंने यशवंत सिन्हा के समर्थन को लेकर पूछे जाने पर कहा कि अभी कुछ भी तय नहीं है।
अखिलेश यादव ने सपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की राजभर की सलाह को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा था कि सपा को किसी की सलाह की जरूरत नहीं है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों के हाल में सम्पन्न उपचुनाव में सपा के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से ओमप्रकाश राजभर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रवैये के खिलाफ मुखर हैं।
उन्होंने अखिलेश को वातानुकूलित कमरे से बाहर निकलकर सड़क पर संघर्ष करने की सलाह दी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि सपा और बसपा को वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ना चाहिये। उनकी दलील थी कि जब दोनों ही दल पिछड़ों और वंचितों की लड़ाई लड़ रहे हैं तो फिर चुनाव अलग- अलग क्यों लड़ते हैं।
सुभासपा और सपा ने 2022 का विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ा था। सुभासपा ने 18 सीटों पर चुनाव लड़ा था और छह पर जीत हासिल की थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ थी और राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद सत्ता में शामिल भी हुई थी लेकिन बाद में पार्टी सरकार से अलग हो गयी थी।
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