गोपेश्वर/ (स.ह.)। तपोवन-रैंणी क्षेत्र मेें चल रहे रेस्क्यू आपरेशन के दौरान वीरवार को दोपहर में ऋषि गंगा नदी (Rishiganga river) का जल स्तर बढ़ने की सूचना मिलने के बाद यहां तपोवन टलन में चल रहा रेस्क्यू अभियान रोक दिया गया। वहीं पुलिस की ओर से जल स्तर बढ़ने की सूचना मिलने पर पुलिस ने नदी तटों के आसपास के लोगों को अलर्ट रहने के निर्देश दिये गये हैं।
उत्तराखंड त्रासदी: राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने चमोली जिले में टनल रेस्क्यू साइड का किया दौरा
Uttarakhand: Rescue operation temporarily halted in Chamoli district following a rise in the level of water in Rishiganga river. A flash flood had hit the district following a glacial burst on February 7th. pic.twitter.com/k3eUrS2fKP — ANI (@ANI) February 11, 2021
Uttarakhand: Rescue operation temporarily halted in Chamoli district following a rise in the level of water in Rishiganga river. A flash flood had hit the district following a glacial burst on February 7th. pic.twitter.com/k3eUrS2fKP
ऋषि गंगा नदी में जल स्तर बढ़ा वीरवार को दोपहर में अचानक ऋषि गंगा नदी में जल स्तर बढ़ने लगा। हालांकि जलस्तर बढ़ने केबाद भी स्थिति सामान्य बनी है। लेकिन सूचना मिलने पर जोशीमठ क्षेत्र में कुछ देर तक अफरा-तफरी मची रही। घाटी में सायरन बजते ही नदी तट पर कार्य कर रहे बीआरओ और एसडीआरएफ की टीमें मौके से ऊपर सुरक्षित स्थानों पर आ गये। स्थिति सामान्य होने के बाद पुनः सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
चमोली में बारिश के बीच राहत कार्य पहुंचाना चुनौती, जवान मुश्तैद
आस-पास के इलाकों में अलर्ट बता दें कि वर्चुअल पुलिस स्टेशन जिला चमोली ने एक आवश्यक सूचना जारी करते हुए अलर्ट जारी किया है। पुलिस कन्ट्रोल रूम गोपेश्वर से मिली जानकारी के अनुसार नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। पुलिस अधीक्षक चमोली यशवंत सिंह चौहान ने आदेशानुसार पुलिस द्वारा नदी के आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट किया जा रहा है।
अब तक 35 लोगों के शव बरामद राज्य सरकार के अनुसार, उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद अब तक 35 लोगों के शव बरामद हुए हैं जिनमें से 10 शवों की शिनाख्त हो पाई। लापता लोगों की कुल संख्या 204 है।
प्रकृति को न समझने की भूल है- पर्यावरणविद वहीं दूसरी ओर पर्यावरणविद डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने बताया कि यह मात्र उत्तराखंड के लिए संकेत नहीं है बल्कि पूरे देश का सवाल है। हम प्रकृति के विज्ञान को न मानते हैं न समझते हैं। यह प्रकृति को न समझने की भूल है। सवाल सरकारों से है कि केदारनाथ और इस घटना के बाद हमने क्या सबक लिया। इसकी समीक्षा होनी चाहिए।
यहां भी पढ़े अन्य बड़ी खबरें...
आज से नई कर व्यवस्था लागू, नए वित्त वर्ष में हुए कई अहम बदलाव, पढ़ें...
प. बंगाल रामनवमी हिंसाः हावड़ा में निषेधाज्ञा अब भी लागू
Odysse Electric ने लॉन्च की सस्ती इलेक्ट्रिक बाइक, सिर्फ 999 रुपये...
ऑनलाइन ‘प्रेमिका' ने दिल्ली के युवक से डेढ़ लाख रुपये ठगे
जॉर्जिया असम्बेली में ‘हिंदूफोबिया' के खिलाफ प्रस्ताव, कहा- हिंदू...
जानें कौन थे सैयद अब्दुल रहीम, Maidaan में जिनका किरदार निभा रहे हैं...
PM की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगने पर CM केजरीवाल पर कोर्ट ने...
MasterChef India 7 के विनर बने नयन ज्योती, ट्रॉफी के साथ मिले इतने...
पाकिस्तान: कराची में खाद्यान्न वितरण केंद्र पर हुई भगदड़ में 12 लोगों...
आकांक्षा दुबे की मौत से पहले का CCTV फुटेज आया सामने, इस शख्स के साथ...