नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। देश में सोमवार यानी आज से एक बार फिर घरेलू उड़ाने शुरू हो चुकी है, ऐसे में विश्व में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण का खतरा तेज होने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन विमान के अंदर एक वायरस के संक्रमण का खतरा कम माना जाता है। ऐसे में वायरस का संक्रमण सिर्फ एक ही स्थिति में फैल सकता है जब कोई स्वस्थ व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति के बहुत करीब बैठा हो।
वायरस पर दो अध्ययन किसी भी प्रकार के संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए कई वर्षों से अध्ययन किया जा रहा है, जिसमें हाल के दो अध्ययन को देख सकते हैं जिसमें एक विशेष तौर से कोरोना वायरस महामारी शामिल है।
एक अध्ययन 2018 में ड्रॉपलेट बॉर्न वायरस पर है, वहीं दूसरा अध्ययन इसी साल के वायरस पर जो वोटिंग प्रक्रिया के साथ ऑनबोर्ड ट्रांसमिशन को भी ध्यान में रखा गया है।
इन स्थितियों में विमान में फैल सकता है संक्रमण अध्ययन में विश्व स्वास्थ्य संगठन का ड्रॉपलेट्स (बूंदों) के माध्यम से फैलने वाले संक्रमण पर अध्ययन किया कि यात्रा के दौरान संक्रमण का फैलाव यात्रियों के बीच हो सकता है, जो लोग विमान के एक ही क्षेत्र में बैठे और खासतौर से किसी संक्रमित व्यक्ति के खासने, छिकने या छूने के परिणाम स्वरूप संक्रमण फैल सकता है। अत्यधिक संक्रामक की स्थिति जैसे कि इनफ्लुएंजा जैसी परिस्थितियों में दूसरे यात्रियों में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है और जहां विमान वेंटीलेशन सिस्टम संचालित नहीं हो रहा है ऐसे में भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
वेंटिलेशन को लेकर कहना है कि वेंटिलेशन प्रति घंटे 20-30 समय हवा का कुल परिवर्तन प्रदान करता है और अधिकांश आधुनिक विमानों में 50% तक कैबिन की हवा को रिसाइकल करती है।
ऐसे में महामारी के दौरान अलग-अलग देशों में उड़ाने फिर से शुरू कर दी गई है, जिसमें विमान बनाने वाले एअरबस और बोइंग ने अपने वेंटीलेशन सिस्टम द्वारा सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।
सक्रमण की संभावना कोविद -19 से बचाव के लिए डब्ल्यूएचओ ने 1 मीटर की दूरी बनाए रखने की सलाह दी है, 2018 के अध्ययन ने पहले से ही संक्रमित यात्री से निकटता के आधार पर संक्रमण के जोखिम को निर्धारित किया।
अध्ययन ने बूंदों के माध्यम से फैलने वाले श्वसन रोग के लिए एक ट्रांसमिशन मॉडल तैयार करने के लिए 10 ट्रांसकॉन्टिनेंटल यूएस उड़ानों पर इकोनॉमी क्लास फ़्लायर की गतिविधियों को बढ़ाया।
यह आंकड़ा सीट 14 सी में पहले से ही संक्रमित यात्री को दर्शाता है। ट्रांसमिशन का परिकलित जोखिम भिन्न होता है, लेकिन अधिकांश यात्रियों के लिए बहुत कम होता है। केवल 11 सीटों पर 80% -100% पर उच्च संक्रमण फैलने की संभावना है। इसमें एक मीटर दूरी पर 14 सी में बैठे यात्रियों के लिए जोखिम 3% से कम है। जिसका मतलब है कि निकटतम 11 से परे लगभग सभी सीटें - ट्रांसमिशन की संभावना 1% से कम है। अध्ययन के अनुसार एक फ्लाइट अटेंडेंट के लिए जो गलियारे में चलता है उसके लिए जोखिम 5% से 20% के बीच है।
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