नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। पुलिस को कथित तौर पर बगैर वारंट के गिरफ्तारी की शक्तियां देने वाले एक विधेयक पर मंगलवार को राज्य विधानसभा में हंगामा हुआ। राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ता यहां राजधानी की सड़कों पर उतर आएं। उन्होंने विधान सभा परिसर तक मार्च करने की कोशिश की, जिस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़पें हुई। तेजस्वी ने सुबह संवाददाता सम्मेलन कर घोषणा की थी कि वह विधानसभा परिसर का घेराव करेंगे, जबकि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल, 2021 विधेयक को लेकर उनकी पार्टी के विधायकों ने सदन में एक स्थगन प्रस्ताव दिया हुआ था।
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#WATCH RJD MLA Satish Kumar carried on a stretcher from Bihar Assembly after he was allegedly manhandled by "police and local goons" inside the Assembly during protest against Bihar Special Armed Police Bill 2021. "See how an elected representative was treated today," he says pic.twitter.com/WlJe1ly6DH — ANI (@ANI) March 23, 2021
#WATCH RJD MLA Satish Kumar carried on a stretcher from Bihar Assembly after he was allegedly manhandled by "police and local goons" inside the Assembly during protest against Bihar Special Armed Police Bill 2021. "See how an elected representative was treated today," he says pic.twitter.com/WlJe1ly6DH
गौरतलब है कि यह विधेयक पिछले हफ्ते विधानसभा में पेश किया गया था। यह बिहार मिलिट्री पुलिस का नाम बदलने का प्रस्ताव करता है, उसे कहीं अधिक शक्तियां देता है और कथित तौर पर बगैर वारंट के लोगों को गिरफ्तार करने का उसे अधिकार देता है। मंगलवार सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायकों ने विधेयक के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। विधानसभा अध्यख विजय कुमार सिन्हा ने यह मुद्दा उपयुक्त समय पर उठाने का आग्रह किया, जिसे विपक्षी सदस्यों ने अनसुना कर दिया। इस पर सिन्हा ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक स्थगित कर दी।
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इस बीच, तेजस्वी और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव और कुछ अन्य विधायकों के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बड़ी तादाद में कार्यकर्ता जे पी गोलंबर पर एकत्र हुए। वहां से उन्होंने विधानसभा परिसर की ओर मार्च किया, जो करीब तीन किमी दूर है। मार्च का नेतृत्व करने से पहले तेजस्वी ने उर्दू की यह मशहूर पंक्तियां भी ट्वीट की थी, ‘‘सरफऱोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है काोर कितना बाजू-ए-क़ातिल में है।’’ इसके जरिए उन्होंने यह संकेत देने की कोशिश की थी कि वह करो या मरो के लिए तैयार हैं।
हिटलर नीतीश चाहते हैं कि पुलिस बिना वारंट किसी को भी गिरफ्तार करे, घर में घुसे और अदालत भी इसमें दखल नहीं दे पाए! और आज जब राजद व विपक्ष के नेताओं ने जब इस विधेयक का विरोध किया तो उन्हें पुलिस ने लात मुक्कों से पीटा, छाती पर लात बरसाए और बेहोश हालत में सदन से बाहर फेंक दिया! — Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) March 23, 2021
हिटलर नीतीश चाहते हैं कि पुलिस बिना वारंट किसी को भी गिरफ्तार करे, घर में घुसे और अदालत भी इसमें दखल नहीं दे पाए! और आज जब राजद व विपक्ष के नेताओं ने जब इस विधेयक का विरोध किया तो उन्हें पुलिस ने लात मुक्कों से पीटा, छाती पर लात बरसाए और बेहोश हालत में सदन से बाहर फेंक दिया!
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मार्च के रास्ते में भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किये गये थे। दरअसल, यह मार्च प्रशासन की अनुमति के बगैर निकाला गया था और प्रदर्शनकारी कोविड-19 नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। डाक बंगला चौराहे पर राजद कार्यकर्ताओं को पुलिस कर्मियों ने रोक दिया, जिसके चलते उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार छोड़ी गई, जिसके बाद वे तितर बितर होने लगे। इस बीच, विधानसभा की कार्यवाही दोपहर में फिर से शुरू होने पर एक बार फिर सदन में हंगामा हुआ और विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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