नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा पंडितों और जाति-संप्रदाय को लेकर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि जाति-वर्ण को लेकर क्या वस्तुस्थिति है? सपा प्रमुख ने सोमवार को एक अखबार में प्रकाशित खबर की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘भगवान के सामने तो स्पष्ट कर रहे हैं, कृपया इसमें ये भी स्पष्ट कर दिया जाए कि इंसान के सामने जाति-वर्ण को लेकर क्या वस्तुस्थिति है।'' खबर के अनुसार, भागवत ने कहा है कि भगवान के सामने कोई जाति वर्ण नहीं हैं, श्रेणी पंडितों ने बनाई है।
अडाणी कांड को लेकर अब राहुल गांधी ने मोदी सरकार को लिया आड़े हाथ
भगवान के सामने तो स्पष्ट कर रहे हैं कृपया इसमें ये भी स्पष्ट कर दिया जाए कि इंसान के सामने जाति-वर्ण को लेकर क्या वस्तुस्थिति है। pic.twitter.com/xvDDqmKW9i — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 6, 2023
भगवान के सामने तो स्पष्ट कर रहे हैं कृपया इसमें ये भी स्पष्ट कर दिया जाए कि इंसान के सामने जाति-वर्ण को लेकर क्या वस्तुस्थिति है। pic.twitter.com/xvDDqmKW9i
आरएसएस प्रमुख ने मुंबई में रविवार को एक कार्यक्रम में कहा था, ‘‘भगवान ने हमेशा बोला है मेरे लिए सभी एक है। उनमें कोई जाति वर्ण नही हैं, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वह गलत था। भारत देश हमारे हिंदू धर्म के अनुसार चलकर बड़ा बने और वह दुनिया का कल्याण करे। हिंदू और मुसलमान सभी एक हैं।'' सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसी बयान पर एक अलग ट्वीट में कहा, ‘‘जाति-व्यवस्था पंडितों (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर संघ प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़ों को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों और ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो ‘रामचरितमानस' से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने के लिये आगे आयें।''
अडाणी पोर्ट्स, अडाणी इलेक्ट्रिसिटी के आउटलुक को S&P Global ने नकारात्मक श्रेणी में डाला
मौर्य ने कहा, ‘‘यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, ‘रामचरितमानस' से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें। मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नही है।'' सपा नेता मौर्य ने 22 जनवरी को ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा था, ‘‘धर्म का वास्तविक अर्थ मानवता के कल्याण और उसकी मजबूती से है। अगर ‘रामचरितमानस' की किन्हीं पंक्तियों के कारण समाज के एक वर्ग का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता हो तो यह निश्चित रूप से धर्म नहीं बल्कि अधर्म है।
सुरेश चव्हाणके के समर्थन में यति नरसिंहानंद को पुलिस ने लिया हिरासत में
‘रामचरितमानस' की कुछ पंक्तियों (दोहों) में कुछ जातियों जैसे कि तेली और कुम्हार का नाम लिया गया है।'' मौर्य ने कहा था, ‘‘इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। इसी तरह से ‘रामचरितमानस' की एक चौपाई यह कहती है कि महिलाओं को दंड दिया जाना चाहिए। यह उनकी (महिलाओं) भावनाओं को आहत करने वाली बात है जो हमारे समाज का आधा हिस्सा हैं। अगर तुलसीदास की ‘रामचरितमानस' पर वाद-विवाद करना किसी धर्म का अपमान है तो धार्मिक नेताओं को अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों तथा महिलाओं की चिंता क्यों नहीं होती। क्या यह वर्ग हिंदू नहीं है?'' उन्होंने कहा था, ‘‘‘रामचरितमानस' के आपत्तिजनक हिस्सों जिनसे जाति वर्ग और वर्ण के आधार पर समाज के एक वर्ग का अपमान होता है उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए।''
भाजपा ‘गुंडागर्दी' में यकीन रखती है; महापौर का चुनाव नहीं होने दे रही है : सिसोदिया
Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
केंद्रीय जांच एजेंसियों के ‘दुरुपयोग' के खिलाफ विपक्षी दलों की...
राहुल को लेकर प्रियंका गांधी ने पीएम पर दागा सवाल- नरेन्द्र मोदी जी...
राहुल को अयोग्य ठहराना, भाजपा का महंगाई व उद्योगपति मित्रों से ध्यान...
लोकसभा के लिए अयोग्य होने के बाद राहुल गांधी को खाली करना पड़ सकता है...
मोदी सरकार की 'तानाशाही' के खिलाफ 14 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट...
राहुल गांधी को लोकसभा के लिए अयोग्य करार देने को लेकर ममता ने मोदी...
राहुल गांधी बोले- मैं भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं, हर कीमत...
मोदी के नेतृत्व में देश को बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है: केजरीवाल
Video: घर से निकली Pradeep Sarkar की अर्थी, दीपिका-रानी सहित आखिरी...
दीपिका पादुकोण ने Ranveer को किया इग्नोर और ना पकड़ा हाथ, फैंस बोले...