नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। लोकसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों अडाणी एंटरप्राइजेज प्रकरण समेत विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गयी। इसके बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को अडाणी एंटरप्राइजेज मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की और यह आग्रह भी किया कि इस प्रकरण की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जाए या फिर उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इसकी जांच हो।
संसद के बजट सत्र के दूसरे दिन लोकसभा की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत दौरे पर आईं जाम्बिया गणराज्य की नेशनल असेंबली की स्पीकर नेली मुट्टी और वहां के संसदीय शिष्टमंडल का सदन की ओर से स्वागत किया। जाम्बिया के शिष्टमंडल के सदस्य इस दौरान सदन की विशेष दीर्घा में बैठे थे। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य अपने मुद्दे उठाने का प्रयास करने लगे। कुछ सदस्य आसन के समीप भी आ गये।
हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने की अपील करते हुए बिरला ने प्रश्नकाल चलने देने की अपील की और कहा कि बिना तथ्यों के कोई बात नहीं की जानी चाहिए। इस दौरान अध्यक्ष बिरला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य पूनम मदाम को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) से संबंधित पूरक प्रश्न पूछने को कहा, लेकिन हंगामे के बीच वह पूरक प्रश्न नहीं पूछ सकीं।
अध्यक्ष बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। विधान मंडल अध्यक्षों के सम्मेलन में चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया था कि प्रश्नकाल चलना चाहिए।'' उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘आप बुनियादी सवाल उठाएं। मैं आपको पर्याप्त समय दूंगा। आप सदन की मर्यादा नहीं रखना चाहते। बिना तथ्यों के कोई बात नहीं कीजिए।''
हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी। समझा जाता है कि विपक्षी सदस्य सदन में अडाणी समूह से जुड़ा मुद्दा उठाने की कोशिश कर रहे थे। कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने इस विषय पर कार्यस्थगन का नोटिस भी दिया है।
अडाणी एंटरप्राइजेज मामले की जेपीसी या फिर SC की निगरानी में जांच हो
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को अडाणी एंटरप्राइजेज मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की और यह आग्रह भी किया कि इस प्रकरण की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जाए या फिर उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इसकी जांच हो। लोकसभा और राज्यसभा की बैठक के स्थगित होने के बाद खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम यह कहना चाहते हैं कि सरकार क्यों दबाव बनाकर ऐसी कंपनियों को कर्ज दिलवा रही है?'
उन्होंने कहा, ‘लोगों के हित में ध्यान रखते हुए... एलआईसी, एसबीआई के निवेश को ध्यान में रखते हुए हम चर्चा की मांग कर रहे हैं। हमारी मांग है कि या तो जेपीसी गठित करके इसकी जांच हो या उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व में इसकी जांच हो।'
कई विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में खरगे ने कहा, ‘‘जांच होने पर प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के समक्ष रखी जाए ताकि पारदर्शिता रहे और लोगों को विश्वास रहे कि उनका पैसा बचा है।'' इससे पहले, इस विषय पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण संसद के दोनों की कार्यवाही बाधित हुई। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘संसद के दोनों सदनों को आज दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि सरकार एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक संस्थानों द्वारा दबाव में किए गए निवेश की जांच के लिए संयुक्त विपक्ष की मांग पर सहमत नहीं हुई।'' उन्होंने दावा किया कि ऐसे निवेश के मूल्यों में कमी के कारण आज करोड़ों भारतीयों की बचत खतरे में है।
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