नई दिल्ली/टीम डिजिटल। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य में विधानसभा चुनाव होने से लगभग सवा साल पहले शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि रूपाणी ने किन कारणों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है, जहां 182 सदस्यीय विधानसभा के लिये चुनाव अगले साल दिसंबर में होने हैं। रूपाणी (65) ने दिसंबर 2017 में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने शनिवार को राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पांच साल तक राज्य की सेवा करने का अवसर दिया गया। मैंने राज्य के विकास में योगदान दिया। आगे मेरी पार्टी जो काम देगी, मैं करुंगा।’’ रूपाणी ने कहा, ‘‘भाजपा में यह परंपरा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियां समय-समय पर बदलती हैं। पार्टी भविष्य में मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे लेने को तैयार रहूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की जनता की सेवा करने का यह अवसर देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं।’’
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रूपाणी ने राज्य भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्रियों पुरुषोत्तम रूपाला और मनसुख मांडविया, राज्य सरकार में सहयोगी उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, भूपेंद्रसिंह चूडास्मा और प्रदीप सिंह जडेजा के साथ राज्यपाल से मुलाकात की। इस्तीफे की वजह पूछने पर रूपाणी ने कहा, ‘‘भाजपा में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए यह रिले रेस की तरह है। इसमें एक कार्यकर्ता दूसरे को मशाल सौंपता है।’’ राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी इस बारे में फैसला करेगी। उन्होंने प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सी आर पाटिल के साथ मतभेदों की बात को खारिज कर दिया।
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रूपाणी जैन समुदाय से आते हैं, जिसकी राज्य में करीब दो प्रतिशत आबादी है। इस तरह की अटकलें हैं कि उनका उत्तराधिकारी पाटीदार समुदाय से हो सकता है। रूपाणी पहली बार सात अगस्त, 2016 को मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद यह पद संभाला था। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद दूसरी बार राज्य की बागडोर संभाली। इस साल सात अगस्त को मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल पूरा करने वाले रूपाणी शनिवार को सरदारधाम भवन के उद्घाटन में उपस्थित थे, जिसमें मोदी ने ऑनलाइन शिरकत की।
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