नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की 2019 लोकसभा चुनाव में कई चुनावी वादें किए और शानदार जीत के बाद पार्टी ने कई वादों को पूरा भी किया। साल 2020 बीजेपी के लिए ऐसा साल रहा जब कई और वादों पर सरकार ने अमल किया है। ऐसे में सरकार को कई मुद्दों पर विपक्ष के विरोध का सामना भी करना पड़ा। साल 2020 के शुरूआत में ही सरकार नागरिकता कानून लेकर आई। हालांकि इस कानून को लेकर काफी विरोध भी किया गया। दरअसल दिल्ली के शाहीनबाग में एक बड़ा विरोध प्रदर्शनकिया गया था।
हजारों की संख्या में केंद्र की मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरें। यह सभी लोग केंद्र सरकार ने सीएए कानून को वापस लेने की मांग कर रहे थे। इस दौरान कई जगह हिंसक झड़पें भी देखने को मिली थी। लेकिन आंदोलनकारियों को कोरोना संकट के कारण घर वापसी करना पड़ा।
राम मंदिर का शिलान्यास पांच सदी तक प्रतीक्षा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 5 अगस्त 2020 को अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करने के साथ ही आधार शिला भी रखी। अयोध्या नगरी में 492 वर्ष तक अपने ही आंगन में जगह पाने के लिए रामलला पांच सदी तक प्रतीक्षा करते रहे, लेकिन साल 2020 में रामभक्तों की अग्निपरीक्षा सफल रही और श्रीराम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए आधार शिला रखी गई।
बता दें कि करीब 500 वर्ष पहले अयोध्या में राम मंदिर गिराकर, मुगल शासक बाबर के सिपहसालार मीर बाकी ने वहां मस्जिद बनवाया था। साल 1528 के आसपास बनी इस मस्जिद को बाबरी मस्जिद के नाम से जाना गया। यहीं से राम जन्मभूमि को लेकर विवाद की शुरूआत हुई। इसके बाद साल 1986 में फैजाबाद के जिला मजिस्ट्रेट ने हिन्दुओं के अनुरोध पर विवादित स्थल के दरवाजे प्रार्थना के लिए खुलवा दिए, लेकिन मुसलमानों ने इसका विरोध किया और उन्होंने बाबरी मस्जिद संघर्ष समिति बना ली।
पीएम केयर फंड साल 2020 में सबसे ज्यादा कहर बरसाने वाला कोरोना वायरस के कारण सभी की जिंदगी तहस-नहस हो गई ऐसे में मोदी सरकार ने पीएम केयर फंड जैसी योजना लाकर लोगों के लिए राहत का काम किया। कोरोना वायरस की एट्री के बाद केंद्र सरकार पर लोगों ने अपना विश्वास दिखाया। कोरोना के समय केंद्र की तरफ से पीएम केयर फंड (PM Cares Fund) बनाकर चंदा इक्ट्ठा किया गया। इसको लेकर भी विपक्ष ने केंद्र पर काफी हमले किए थे। विपक्ष का आरोप था कि सरकार कोरोना का फायदा उठाकर आम लोगों से पैसे छीन रही है।
भारतीय अर्थव्यवस्था वहीं कोरोना काल में भारतीय अर्थव्यवस्था अपने सबसे बूरे स्तर से गुजरी। कोरोना की वजह से लम्बे समय तक चले लॉकडाउन के बाद देश की अर्थव्यवस्था बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुई थी। शुरुआत में आंकड़े आए थे कि भारत की जीडीपी में -23 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई थी। लेकिन सरकार के प्रयासों के कारण धिरे-धिरे स्थिति में सुधार आया और अर्थव्यवस्था पटरी पर आने लगी।
नया कृषि कानून साल 2020 के अंत आते-आते सरकार ने नए कृषि कानून को पास करवाया, जो किसानों के हित से जुड़ा हुआ है। लेकिन इसे लेकर अब देश में सबसे बड़ा किसान प्रदर्शन जारी है। किसान संगठन नए कृषि कानून को वापस लेने की बात पर अड़े हैं। लाखों किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानून को विरोध करने करते हुए पंजाब और हरियाणा के किसान सड़क पर आ गए है और दिल्ली की सभी सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच कई मीटिंग होने के बाद भी इसका हल नहीं निकल पा रहा है।
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