Friday, Mar 24, 2023
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samajwadi party shivpal, bluntly from rajbhar - you are free to go where you get more respect

सपा की शिवपाल, राजभर से दो टूक- जहां ज्यादा सम्मान मिले वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र

  • Updated on 7/23/2022



नई दिल्ली/टीम डिजिटल।समाजवादी पार्टी (सपा) ने शनिवार को अपनी सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से दो टूक कहा, ‘आपको जहां ज्यादा सम्मान मिले वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।’ समाजवादी पार्टी ने दोनों नेताओं को पत्र भेजकर अपनी मंशा से अवगत कराया है। सपा ने राजभर और शिवपाल को भेजा गया पत्र ट्विटर पर साझा किया है। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राजभर ने शनिवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘आज जो तलाक उन्होंने (सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने) दिया है, उसे हमने कबूल कर लिया है। हम उसका स्वागत करते हैं क्योंकि उनके यहां दलित, अति पिछड़ों के हक की बात नहीं सुनी जाती।’’  

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    वहीं, शिवपाल सिंह यादव ने सपा के फैसले पर प्रतिक्रिया में ट््वीट किया है, ‘‘मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद।‘’इसी ट््वीट में उन्होंने कहा है, ‘‘राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों एवं सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है।‘‘      सपा के इस फैसले को लेकर उसपर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है, ‘‘सपा अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी आप पिछड़े वर्ग के किसी भी नेता के बढ़ते कद को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं।‘’मौर्य ने अपने ट््वीट में यादव पर आरोप लगाया है, ‘‘आप चाहते हैं, ओबीसी का कोई दूसरा बड़ा नेता न हो, आप पिछड़ों के विरोधी हैं। जब आप सीएम थे तब ओबीसी के किस नेता को डिप्टी सीएम बनाया?‘’उन्होंने दावा किया कि पिछड़ों का विश्वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है।   

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  गौरतलब है कि हाल में संपन्न राष्ट्रपति चुनाव में राजभर और शिवपाल द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किए जाने के बाद सपा ने यह कदम उठाया है। चुनाव में सपा ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन किया था, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा है।      सपा ने राजभर को भेजे पत्र में कहा है, ‘‘श्री ओमप्रकाश राजभर जी, सपा लगातार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ रही है। आपका भाजपा के साथ गठजोड़ है और आप लगातार उसे मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।’’ उसमें कहा गया है, ‘‘अगर आपको लगता है कि कहीं और आपको ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं।’’      वहीं सपा ने शिवपाल को भेजे गये पत्र में कहा है, ‘‘माननीय शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है, कहीं और ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।’’     

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सपा का यह पत्र सार्वजनिक होने और राजभर की प्रतिक्रिया के बाद सपा-सुभासपा गठबंधन के समाप्त होने की एक तरह से घोषणा हो गई है।      सपा के इस फैसले पर सुभासपा अध्यक्ष राजभर ने कहा, ‘‘हम योगी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) से मिलें तो खराब, लेकिन अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव मिलें तो बहुत अच्छा।’’ सपा को चेतावनी भरे शब्दों में राजभर ने कहा कि वह क्या कर रहे हैं, 2024 का चुनाव आने तक सब पता चल जाएगा। आगे की रणनीति के संबंध में उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के पास जाएंगे, मिलेंगे और बात करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शिवपाल जी हमारे नेता हैं और हम उनसे मिलते-जुलते रहते हैं।   

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  गौरतलब है कि शिवपाल सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा हैं जो हाल के विधानसभा चुनाव में जसवंत नगर क्षेत्र से सपा के निशान पर चुनाव जीते थे। 2016 से ही चाचा—भतीजे के बीच टकराव रहा है लेकिन 2018 में शिवपाल ने अपनी नई पार्टी बनाई। फिर 2022 के विधानसभा चुनाव में चाचा—भतीजा एक मंच पर आ गये, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद दोनों के बीच दूरी बढ़ती गई। दोनों के बीच मतभेद में राष्ट्रपति का चुनाव एक बार फिर नए रूप में सामने आया है।

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