नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा महात्मा गांधी और वीर सावरकर के संदर्भ में की गई एक टिप्पणी को लेकर सियासत तेज हो गई है। विपक्ष ने अब भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। विपक्ष का आरोप है कि राजनाथ सिंह ‘इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश कर रहे हैं।’ सिंह ने मंगलवार को कहा था कि महात्मा गांधी के कहने पर वीर सावरकर ने अंग्रेजी शासन को दया याचिकाएं दी थीं।
#WATCH | "...I don't think Gandhi is the father of nation. Country like India cannot have one father of the nation, there are thousands who have been forgotten...," says Ranjit Savarkar, grandson of Veer Savarkar on AIMIM's Asaduddin's Owaisi's Savarkar as father of nation remark pic.twitter.com/5vJ2oN5jVK — ANI (@ANI) October 13, 2021
#WATCH | "...I don't think Gandhi is the father of nation. Country like India cannot have one father of the nation, there are thousands who have been forgotten...," says Ranjit Savarkar, grandson of Veer Savarkar on AIMIM's Asaduddin's Owaisi's Savarkar as father of nation remark pic.twitter.com/5vJ2oN5jVK
ओवैसी का भाजपा पर तंज, बोले - गांधी को हटाकर सावरकर को राष्ट्रपिता घोषित कर देंगे वे
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन औवैसी ने महात्मा गांधी द्वारा से 25 जून, 1920 को सावरकर के भाई को एक मामले में लिखे गए पत्र की प्रति ट्विटर पर साझा की और आरोप लगाया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह गांधी द्वारा लिखी गई बात को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं। इस पर सावरकर के पौत्र रणजीत सावरकर ने औवेसी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है, 'मैं नहीं सोचता कि गांधी भारत के राष्ट्रपिता हैं। भारत जैसे देश में एक राष्ट्र पिता नहीं हो सकता है, यहां हजारों को भुला दिया गया है।'
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They are presenting distorted history. If this continues, they'll remove Mahatma Gandhi & make Savarkar the father of the nation, who was accused of the murder of Mahatma Gandhi & was pronounced complicit in the inquiry of Justice Jeevan Lal Kapur: AIMIM chief Asaduddin Owaisi https://t.co/1aEsVMgZLC pic.twitter.com/ue2Q8Oxy3Z — ANI (@ANI) October 13, 2021
They are presenting distorted history. If this continues, they'll remove Mahatma Gandhi & make Savarkar the father of the nation, who was accused of the murder of Mahatma Gandhi & was pronounced complicit in the inquiry of Justice Jeevan Lal Kapur: AIMIM chief Asaduddin Owaisi https://t.co/1aEsVMgZLC pic.twitter.com/ue2Q8Oxy3Z
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ओवैसी ने कहा है कि सावरकर की ओर से पहली दया याचिका 1911 में जेल जाने के छह महीनों बाद दी गई थी और उस समय महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में थे। इसके बाद सावरकर ने 1913-14 में दया याचिका दी। उन्होंने कहा कि वे गलत इतिहास पेश कर रहे हैं। अगर ऐसा ही जारी रहा तो वे महात्मा गांधी को हटाकर सावरकर को देश का राष्ट्रपिता घोषित कर देंगे। सावरकर महात्मा गांधी की हत्या में आरोपी थे और यह जस्टिस जीवन लाल कपूर की जांच में पाया गया।
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#WATCH | Lies were spread about Savarkar. Time & again, it was said that he filed mercy petitions before British Govt seeking his release from jail... It was Mahatma Gandhi who asked him to file mercy petitions: Defence Minister Rajnath Singh at launch of a book on Savarkar y'day pic.twitter.com/Pov4mI0Ieg — ANI (@ANI) October 13, 2021
#WATCH | Lies were spread about Savarkar. Time & again, it was said that he filed mercy petitions before British Govt seeking his release from jail... It was Mahatma Gandhi who asked him to file mercy petitions: Defence Minister Rajnath Singh at launch of a book on Savarkar y'day pic.twitter.com/Pov4mI0Ieg
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भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने सावरकर का बचाव करते हुए ट्वीट कर कहा, ‘‘कांग्रेस सावरकर जी का विरोध करती है जो ब्रिटिश प्रशासन के साथ कभी नहीं जुड़े और मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान का उदाहरण प्रस्तुत किया। बहरहाल, कुछ लोग माउंटबेटन के घर पर नियमित रूप से रात्रिभोज करते थे।’’ भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने सावरकर के बारे में गांधी की एक टिप्पणी को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘वह बहुत समझदार हैं। वह बहादुर हैं, वह देशभक्त हैं। मौजूदा सरकार में निहित बुराई को उन्होंने मुझसे पहले देख लिया था। वह भारत से बहुत प्रेम करने के कारण अंडमान में हैं। वह सरकार में वह बड़े पद पर आसीन रहे होते।’’
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