Thursday, Jun 01, 2023
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savarkar helped british betrayed mahatma gandhi by apologizing: rahul gandhi congress

सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की, माफी मांगकर महात्मा गांधी को धोखा दिया: राहुल गांधी

  • Updated on 11/17/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि विनायक दामोदर सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और कारागार में रहने के दौरान उन्होंने डर के कारण माफीनामे पर हस्ताक्षर करके महात्मा गांधी और अन्य समकालीन भारतीय नेताओं को धोखा दिया था। राहुल गांधी ने गत मंगलवार को भी वाशिम जिले में आयोजित एक रैली में हिंदुत्व विचारक सावरकर पर निशाना साधा था। इस बीच, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी वी. डी. सावरकर का बहुत सम्मान करती है और वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा थाकि वह स्वतंत्रता सेनानी के बारे में ‘‘पूरी तरह झूठ'' बोल रहे हैं। राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को विनायक सावरकर के ‘माफीनामे' की एक प्रति दिखाते हुए एक बार फिर से निशाना साधा। उन्होंने दावा किया, ‘‘सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की। उन्होंने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर कहा - सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं।'' राहुल गांधी ने यह भी कहा, ‘‘जब सावरकर जी ने माफीनामे पर हस्ताक्षर किए तो उसका कारण डर था। अगर वह डरते नहीं तो वह कभी हस्ताक्षर नहीं करते। इससे उन्होंने महात्मा गांधी और उस वक्त के नेताओं के साथ धोखा किया।''

उन्होंने कहा कि देश में एक तरफ महात्मा गांधी की विचारधारा है और दूसरी सावरकर से जुड़ी विचारधारा है। इन दिनों ‘भारत जोड़ो यात्रा' निकाल रहे कांग्रेस नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत में पिछले आठ साल से डर का माहौल है। नफरत और हिंसा फैलाई जा रही है। शायद भाजपा के नेता किसानों और युवाओं से बात नहीं करते। अगर वो बात करते तो पता चलता कि युवाओं और किसानों को आगे रास्ता नजर नहीं आ रहा है। इस माहौल के खिलाफ खड़े होने के लिए हमने यह यात्रा शुरू की है।'' राहुल गांधी ने कहा, ‘‘अगर लोगों को लगता कि इस यात्रा की जरूरत नहीं है तो वो लाखों की संख्या में बाहर नहीं निकलते।''

कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘आमतौर पर लोकतंत्र में एक राजनीतिक दल दूसरे राजनीतिक दल से लड़ता है। संस्थाएं इस लड़ाई के मैदान में निष्पक्षता कायम रखती हैं। आज ऐसा नहीं है। आज एक तरफ देश की सभी संस्थाएं खड़ी हैं। भाजपा का मीडिया, संस्थाओं पर नियंत्रण है। न्यायपालिका पर दबाव डाला जाता है।'' उनका कहना था, ‘‘हमने यात्रा इसलिए शुरू की है क्योंकि विपक्ष के सामने कोई रास्ता नहीं बचा है।'' राहुल ने कहा, ‘‘विपक्ष के कमजोर होने की बात सच नहीं है। जमीन पर जाकर देखेंगे तो वहां मामला अलग है।''

यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2024 में विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा होंगे तो राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह ध्यान भटकाने का बहुत अच्छा तरीका है। इस सवाल के बारे में सोचा नहीं हैं। हमने यात्रा शुरू की है, हम कश्मीर तक जाएंगे और तिरंगा लहराएंगे।'' यात्रा के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं ज्योतिषी नहीं हूं, हालांकि इसका सकारात्मक असर होगा।'' राहुल गांधी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में पार्टी की स्थिति कमजोर नहीं है। सबसे अच्छी प्रतिक्रिया महाराष्ट्र में मिली है। यहां पर कांग्रेस का डीएनए है। इस यात्रा का सकारात्मक असर होगा।''

भाजपा के एक नेता के बयान में बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, ‘‘अगर सरकार को लगता है कि यात्रा से देश को नुकसान हो रहा है तो ‘भारत जोड़ो यात्रा' को रोक दे।'' उन्होंने कहा कि विदर्भ के किसानों को सुरक्षा प्रदान करने की जरूरत है। गुजरात में चुनाव प्रचार के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कहेंगे तो वह जरूर जाएंगे। वर्ष 1933 में आज के ही दिन महात्मा गांधी की मौजूदगी से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि उनकी यात्रा की तुलना महात्मा गांधी से करना गलत है। उनका कहना था, ‘‘मेरे और महात्मा गांधी के बीच कोई तुलना नहीं की जा सकती।'' 

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