Thursday, Jun 01, 2023
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31 पैसे की बकाया राशि : कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद SBI ने किसान को जारी किया प्रमाणपत्र

  • Updated on 5/2/2022

    
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सोमवार को गुजरात उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने जमीन की बिक्री से जुड़े एक मामले में एक व्यक्ति को ‘‘बकाया नहीं’’ प्रणाणपत्र जारी कर दिया है। एसबीआई ने महज 31 पैसे की बकाया राशि का भुगतान न करने को लेकर संबंधित व्यक्ति का ‘‘बकाया नहीं’’ प्रमाणपत्र रोक दिया था। 

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बीते हफ्ते उच्च न्यायालय ने ‘‘बकाया नहीं’’ प्रमाणपत्र (नो ड्यूज सर्टिफिकेट) न जारी करने के लिए देश के सबसे बड़े सरकारी ऋणदाता पर नाखुशी जाहिर की थी। अदालत ने कहा था कि ‘यह कुछ और नहीं, बल्कि उत्पीडऩ है।’ एसबीआई ने सोमवार को न्यायमूर्ति भार्गव करिया की अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में कहा कि उसने 28 अप्रैल को संबंधित व्यक्ति को ‘‘बकाया नहीं’’ प्रमाणपत्र जारी कर दिया है, जो भूमि सौदे को मंजूरी देने के लिए आवश्यक था। 

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न्यायमूर्ति करिया ने अपने आदेश में कहा कि ‘‘बकाया नहीं’’ प्रमाणपत्र जारी होने के बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी है। एसबीआई ने कहा कि वह पहले ‘‘बकाया नहीं’’ प्रमाणपत्र जारी नहीं कर सका था, क्योंकि उसे ऋण लेने वाले मूल व्यक्ति से एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें ऐसा न करने को कहा गया था। 

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याचिकाकर्ता राकेश वर्मा और मनोज वर्मा ने साल 2020 में अहमदाबाद शहर के पास खोराज गांव में किसान शामजीभाई और उनके परिवार से जमीन का एक टुकड़ा खरीदा था।      चूंकि, शामजीभाई ने एसबीआई से लिए गए तीन लाख रुपये के फसल ऋण को चुकाने से पहले याचिकाकर्ताओं को जमीन बेच दी थी, इसलिए याचिकाकर्ता (जो जमीन के नए मालिक हैं) बैंक की आपत्ति के कारण राजस्व रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज नहीं करा पा रहे थे। 

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हालांकि, बाद में किसान ने बैंक को पूरी राशि चुका दी। बावजूद इसके एसबीआई ने ‘‘बकाया नहीं’’ प्रमाणपत्र जारी नहीं किया, जिसके चलते नए मालिकों ने दो साल पहले उच्च न्यायालय का रुख किया। पिछले सप्ताह सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति करिया ने बैंक को अदालत में ‘‘बकाया नहीं’’ प्रमाणपत्र सौंपने को कहा। इस पर एसबीआई के वकील आनंद गोगिया ने कहा कि 31 पैसे बकाया होने की वजह से ऐसा संभव नहीं है।

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