नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्र सरकार (Central Government) के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान संगठनों का आंदोलन 47वें दिन भी जारी है। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इन बिलों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं और दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई जारी है। मामले की सुनवाई के दौरान नए कृषि कानूनों को लेकर जिस तरह से सरकार और किसानों के बीच बातचीत चल रही है उस पर सुप्रीम कोर्ट ने निराश जताई।
Farm laws: Senior Advocate Dushyant Dave appearing for one of the farmers' unions suggests that the matter be adjourned for tomorrow; requests the court to consider it https://t.co/m4e2vSrI2o — ANI (@ANI) January 11, 2021
Farm laws: Senior Advocate Dushyant Dave appearing for one of the farmers' unions suggests that the matter be adjourned for tomorrow; requests the court to consider it https://t.co/m4e2vSrI2o
मामले की सुनवाई करते हुए CJI ने कहा कि अगर जाने अनजाने में कुछ भी ग़लत होता है तो इसके लिए हम सभी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि हम इसके लिए एक कमेटी बना सकते हैं। केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए CJI ने कहा कि आप हमको बताइए कि आप कानून को लागू करने पर रोक क्यों नही लगा सकते आगर आप नही करेंगे तो हम करेंगे।
इससे पहले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों की सरकार के साथ 8वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ सरकार की बातचीत में गतिरोध बरकरार रहने है।
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26 को दिल्ली में घुसने को आमादा कृषि कानूनों को रद्द करने से सरकार की मनाही से नाराज किसान अब आरपार के लिए तैयार हो गए हैं। किसानों ने साफ कर दिया है कि चाहे कुछ हो जाए, दिल्ली में 26 जनवरी को शक्ति प्रदर्शन जरूर करेंगे। किसानों की निगाह सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर भी टिकी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के रुख के बाद किसान रणनीति बनाकर बताएंगे कि आगे अब क्या करना है? इस बीच 26 जनवरी के लिए तैयारियों शुरू हो चुकी हैं।
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मीडिया से बातचीत करने से किया मना सिंघू बार्डर पर जत्थेबंदियों की दिनभर बैठक चली लेकिन किसान नेताओं ने मीडिया से बातचीत से मना कर दिया और कहा कि सोमवार को सारी स्थिति स्पष्ट कर देंगे। इसमें 15 जनवरी की बैठक में शामिल होने का फैसला भी शामिल है। किसानों ने लोहड़ी पर्व पर कानूनों की प्रतियां जलाने का आह्वान किया है। 18 जनवरी को हर जिला व तहसील स्तर पर महिला किसान दिवस मनाया जाना है। अब बार्डर के सभी मंचों की अगुवाई महिलाओं के हाथ देने की भी बात रखी गई है। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय हो गया है।
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भाकियू नेता ने कहा ये भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि गणतंत्र दिवस की परेड के लिए वह बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ेंगे। उनको जिस तरह से दिल्ली जाने से रोकने के लिए हथकंडे अपनाए गए थे लेकिन वे उन सभी को पार करते हुए दिल्ली तक पहुंच गए हैं। ऐसे ही गणतंत्र दिवस की परेड के लिए दिल्ली के अंदर घुसेंगे। वे अपनी परेड निकालेंगे और गणतंत्र दिवस की परेड खराब करने या उसमें व्यवधान डालने का किसानों का कोई इरादा नहीं है। चढूनी ने कहा कि सरकार गोली ही मारेगी, 70 शहीद हो गए हैं 70 या 100 और शहीद हो जाएंगे।
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