नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उच्चतम न्यायालय ने पांच मार्च को होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) 2023 को टालने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर किसी ने फिर से प्रयास नहीं करने की ठान ली है तो दुनिया में ऐसी कोई चीज नहीं है जो उसे रोक सकती है। शीर्ष अदालत स्नातकोत्तर चिकित्सा प्रवेश परीक्षा टालने की मांग वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ताओं ने यह कहते हुए परीक्षा टालने का अनुरोध किया कि ‘काउंसलिंग' 11 अगस्त के बाद आयोजित की जानी है क्योंकि इंटर्नशिप के लिए कट-ऑफ तारीख उस तारीख तक बढ़ा दी गई है।
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राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने न्यायमूर्ति एस आर भट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ को सूचित किया कि परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र सोमवार को कार्यक्रम के अनुसार जारी कर दिए गए हैं और ‘काउंसलिंग' 15 जुलाई से शुरू हो सकती है। उन्होंने पीठ को बताया कि परीक्षा की तिथि की घोषणा पिछले साल सितंबर में कर दी गयी थी। उन्होंने पीठ से कहा, ‘‘परीक्षा आयोजित कराने के लिए हमारे तकनीकी सहयोगी के पास निकट भविष्य में कोई तारीख उपलब्ध नहीं है।'' याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि परीक्षा को कुछ सप्ताह के लिए टाला जा सकता है और पूछा कि अगर काउंसलिंग 11 अगस्त के बाद होनी है तो इस तरह से परीक्षा में जल्दबाजी करने से कोई फायदा है। भाटी ने कहा कि निर्धारित परीक्षा के लिए प्रशासनिक इंतजाम किए गए हैं।
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याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने कहा कि प्रत्येक उम्मीदवार के लिए विषय और कॉलेज बहुत महत्वपूर्ण है। पीठ ने कहा, ‘‘अगर किसी ने फिर से प्रयास नहीं करने की ठान ली है तो दुनिया में ऐसी कोई चीज नहीं है जो उसे रोक सकती है।'' तन्खा ने कहा कि नीट के कारण यह ‘‘गंभीर'' हो गया है क्योंकि पहले हर राज्य में मेडिकल प्रवेश के लिए अपनी परीक्षा होती थी। पीठ ने कहा, ‘‘सही या गलत, यह सब उभरती प्रक्रिया का एक हिस्सा है। कभी...सही होता है, कभी गलत। हम याचिकाओं पर विचार नहीं करेंगे।'' एनबीई ने 24 फरवरी को शीर्ष अदालत को बताया था कि नीट-पीजी परीक्षा 2023 के लिए लगभग 2.09 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया है और परीक्षा टाले जाने पर निकट भविष्य में कोई वैकल्पिक तारीख उपलब्ध नहीं हो सकती है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने 10 फरवरी को लोकसभा को बताया था कि स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के इच्छुक छात्रों के लिए नीट-पीजी परीक्षा 5 मार्च को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाएगी। मांडविया ने कांग्रेस के एक सदस्य के सवाल पर कहा था कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी छात्र छूट न जाए, मंत्रालय ने उन सभी एमबीबीएस छात्रों के लिए कट-ऑफ तारीख बढ़ा दी है, जिन्होंने अभी तक अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं की है। मंत्रालय ने नीट-पीजी उम्मीदवारों के लिए एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप पूरी करने को लेकर कट-ऑफ तारीख 30 जून से बढ़ाकर 11 अगस्त कर दी थी। याचिकाकर्ताओं ने वकील तन्वी दुबे के जरिए एनबीई द्वारा दो बार संशोधित किए गए पात्रता मानदंड का भी मुद्दा उठाया।
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