Sunday, Mar 26, 2023
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School organization demands to fill vacant EWS seats in private schools

स्कूल संगठन ने निजी स्कूलों में खाली ईडब्ल्यूएस सीटों को भरने की मांग की

  • Updated on 1/2/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राजधानी में प्रवेश स्तर की कक्षाओं में ईडब्ल्यूएस-डीजी कैटेगरी के दाखिले के लिए लंबे समय से मारा-मारा चली आ रही है। अगर अभिभावकों को ये पता चले कि स्कूल में सीट खाली थी फिर भी दाखिला नहीं हुआ तो चर्चा होना लाजिमी है। प्राइवेट लैंड पब्लिक स्कूल ट्रस्ट के राष्ट्रीय महामंत्री चंद्रकांत सिंह ने कहा कि अकादमिक सत्र 2021-22 में आयोजित की गई ईडब्ल्यूएस कैटेगरी की नर्सरी दाखिला प्रक्रिया में निजी स्कूलों की सभी सीटों को नहीं भरा गया।

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अकादमिक सत्र 2021-22 में केवल 50 फीसद सीटें ही बच्चों को की गई एलॉट ः चंद्रकांत सिंह 
इसी आशय में मैंने उपराज्यपाल अनिल बैजल के शिकायती खिडक़ी पर जाकर जब अपनी बात रखी। तो शिक्षा निदेशालय के अधिकारी ने जवाब दिया कि अकादमिक सत्र 2021-22 में डीडीए की जमीन पर चल रहे स्कूलों में ईडब्ल्यूएस-डीजी कैटेगरी की 100 फीसद सीटें बच्चों को दाखिले के लिए अलॉट की गई हैं जबकि निजी स्कूलों की 50 फीसद सीटें ही ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में बच्चों को एलॉट की गई हैं।

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निजी स्कूल में एक ईडब्ल्यूएस बच्चे पर सरकार 2200 रुपए खर्च करती है
चंद्रकांत सिंह ने कहा कि इससे हर निजी स्कूल में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी की सीटें खाली रह गई। जब सरकारी स्कूल में बच्चा पढ़ता है तो दिल्ली सरकार एक बच्चे पर 15 हजार रु पए खर्च करती है। वहीं जब निजी स्कूल में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में बच्चा पढ़ता तो सरकार स्कूल को 2200 रुपए देती है। इस लिहाज से सरकारी स्कूल की अपेक्षा निजी स्कूल 15 हजार रुपए में 5-6 बच्चे आसानी से पढ़ा सकते हैं। लेकिन बजट स्कूलों को सभी खाली सीटों पर बच्चे नहीं दिए गए।

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