नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना वायरस की दवा को लेकर हर रोज नए दावे किए जा रहे हैं, इस बीच चमगादड़ों पर शोध करने वाले अमेरिकी वैज्ञानिक पीटर डेसजैक का कुछ और ही कहना है। उनकी माने तो कोरोना का इलाज उसी से होगा जो इस बीमारी को लेकर आया है। यानी चमगादड़ से!
पीटर की माने तो चमगादड़ से ही कोरोना का इलाज मिल सकता है। पीटर इसके लिए कई चमगादड़ों को पकड़ कर उनपर शोध कर चुके हैं।
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कौन हैं पीटर पीटर एक वायरस हंटर हैं जो चमगादड़ों मे मिलने वाले वायरस पर काम करते हैं। पीटर एक संस्था इकोहेल्थ अलायंस के अंतर्गत काम करते हैं। पीटर अब तक पिछले 10 सालों में 20 देशों से सैंकड़ों सैंपल एकत्र कर चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर कोरोना वायरस फैमिली के 15 हजार से ज्यादा नमूने तलाश किए हैं जिनमें से 500 नए कोरोना वायरस से जुड़े हैं।
उनके जैसे ही कई दूसरे वैज्ञानिक भी है जो जानवरों में पाए जाने वाले हर तरह के वायरस की जानकारी मुहैया कराते हैं। इन खोजों का सीधा सम्बंध इंसानों से है इसलिए ये खोज करना महत्वपूर्ण है ताकि आगे आने वाली मुश्किल महामारियों से बचाव के लिए विकल्प तैयार कर लिए जाएं।
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गुफाओं में मिलते हैं साक्ष्य चीन के यूनन प्रांत में स्थित चूना पत्थर की गुफाओं में चमगादड़ों के थूक, जालों और खून का सैंपल लेने के लिए वैज्ञानिकों का एक दल विशेष सुरक्षा सूट पहनकर वहां पहुंचा। यहां से वैज्ञानिकों ने कई नमूने लिए और अब उनका टेस्ट किया जायेगा।
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ऐसे होगा इलाज दरअसल, कोरोना के शुरूआती मामले जब सामने आए तभी वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ़ विरोलोजी ने लाइब्रेरी के डाटाबेस चैक किया। तब उन्हें पता लगा की यही वायरस 2013 में भी युन्नान में भी देखा गया था। इसके बाद से शोध कार्य जारी है। इन दोनों वायरस में 96% से ज्यादा समानताएं हैं।
इसके बाद पीटर ने इसका ओरिजनल टेस्ट लेने के लिए उन गुफाओं का रुख किया जहां चमगादड़ से यह टेस्ट लिया जा सके। इसके बाद पीटर ने दावा किया कि चमगादड़ों के शरीर में एक तरह का एंटीबॉडी पाया जाता है जिससे कोरोना का इलाज हो सकता है।पीटर की इस बात से दूसरे वैज्ञानिक भी सहमत हुए और अब आगे इस और टेस्ट किया जायेगा। इसी आधार पर कोरोना का टीका बनाया जा सकता है।
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पूर्वानुमान भी लगाया इसके साथ यह भी शोध कार्य में शामिल किया गया है कि कहीं आने वाले सालों में चमगादड़ के जरिए कोई और वायरस महामारी बनकर फैल सकता है या नहीं। इसके बचाव के लिए भी मुहीम चलाई जा रही है।
इसके लिए केन्या, वुहान और दूसरे प्रान्तों में जहां चमगादड़ ज्यादा पाई जाती है वहां लोगों के घरों को चमगादड़ मुक्त करने के लिए घरों से वेंटिलेशन, छोटे थिकाले, झरोखे और कुछ खाली जगहें बंद करने की या उनपर जाली लगाने की सलाह दी जा रही है।
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