नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दुनियाभर में कोरोना वायरस का बढ़ता जा रहा है। दुनिया भर में अबतक 47,844,811 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके है। जबकि इस खतरनाक वायरस के कारण 1,220,224 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 34,355,779 लोग इस संक्रमण से ठीक भी हुए हैं।
दुनिया में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका है, जहां अबतक 9,692,528 मामले हैं, वहीं 238,641 लोगों ने अपनी जान गंवा दी और 6,236,170 लोग इस वायरस को हराने में कामयाब हुए हैं। इस बीच वैक्सीन लाए जाने का काम तेजी से किया जा रहा है। वैक्सीन को लेकर अमेरिकी वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक दमदार दावा किया है।
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अमेरिका में वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की दमदार वैक्सी न बनाने का दावा करते हुए कहा है कि इस वैक्सीन का इस्तेमाल सफलतापूर्वक जानवरों पर किया जा चुका है। इस वैक्सीन बनाने वाले शोधकर्ताओं में यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के शोधकर्ता भी शामिल हैं। इस रिसर्च को सेल नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
इन रिसर्चर का दावा है कि यह वैक्सीन इतनी दमदार है कि यह लोगों के शरीर में वायरस से लड़ने के लिए कई गुना अधिक एंटीबॉडी बनाती है। इस वैक्सीन को बनाने में नैनो पार्टिकल्सि (अति सूक्ष्म कण) का इस्तेमाल किया गया है। जानवरों पर इसका सफल परीक्षण होने के बाद इसके इंसानी नतीजों के लिए उम्मीद जताई जा रही है।
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इस वैक्सीन के जानवरों पर किए गए परिक्षण में चूहों को यह वैक्सीन दी गई थी। कोरोना से ग्रस्त चूहों को जब यह वैक्सीन दी गई तब वैज्ञानिकों ने यह देखा कि यह चूहे किसी कोरोना से रिकवर हुए व्यक्ति की तुलना में अधिक एंटीबाडी बना रहा था। यानी चूहे की बॉडी में किसी कोरोना रिकवर व्यक्ति की बॉडी की तुलना में कई गुना ज्यादा न्यूाट्रलाइजिंग ऐंटीबॉडीज विकसित हुआ।
यह वैक्सीन बॉडी में न्यूुट्रलाइजिंग ऐंटीबॉडीज हो बढ़ा देती है। इतना ही नहीं, इस दौरान चूहों में वैक्सी्न की डोज 6 गुना कम भी की गई लेकिन तब भी 10 गुना ज्याीदा न्यूसट्रलाइजिंग ऐंटीबॉडीज चूहों में उत्प न्नग हुई। इसके साथ ही इस वैक्सीतन से सुपर स्ट्रांग B-सेल इम्यूिन रेस्पांस भी देखने को मिला। इस वैक्सीन को लेकर वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह लंबे समय तक काम करेगी।
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दरअसल, वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना की इस वैक्सीन को इस तरह से बनाया गया है कि यह वायरस की नकल कर सकती है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इसी वजह से कोरोना वैक्सीवन की इम्युतन रेस्पांनस ट्रिगर करने की क्षमता बढ़ गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार, वैक्सींन स्पासइक प्रोटीन के रिसेप्ट र बाइंडिंग डोमेन के 60 फीसदी हिस्से की नकल कर सकती है।
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