नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली के कारोबारियों पर सीलिंग का खतरा इस वर्ष भी खत्म होता नहीं दिखाई दे रहा है। क्योंकि उत्तरी नगर निगम की ओर से 2 जनवरी को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में अगर लोगों ने अपने संपत्तियों का दुरुपयोग करना बंद नहीं किया तो उनके खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।
यानी की जल्द ही सीलिंग की रफ्तार तेज होगी। वहीं दूसरी ओर जिन व्यापारियों की दुकानें सील हुई हैं, उन लोगों ने भी 3 जनवरी को जंतर-मंतर पर एकजुट होकर नगर निगम और केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
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दुरुपयोग संपत्तियों का किया जाएगा दौरा निगम की ओर से जारी किए सार्वजनिक नोटिस के मुताबिक, निगम अधिकारी और मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य अब तेजी से संपत्ति दुरुपयोग के स्थानों पर दौरा करेगी।
इस दौरान अगर तय किए गए व्यापार से अतिरिक्त कोई प्रतिबंधित कार्य या व्यापार किया जा रहा है तो उसे सील किया जाएगा। यदि संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति में चल रहे व्यापार को 48 घंटे में बंद करने के लिए शपथ पत्र देता है तो भी उस संपत्ति को सील नहीं किया जाएगा।
आज जंतर-मंतर पर जुटेंगे कारोबारी आज दिल्ली के कारोबारी जंतर-मंतर पर एकत्रित होकर सीलिंग का विरोध करेंगे। व्यापारियों की एक मांग है कि जल्द उनकी दुकानों की डी-सीलिंग की जाए। लाजपत नगर सूट मार्केट एसोसिएशन के महासचिव मनदीप कोहली ने बताया कि साल भर से ऊपर हो गया, हमारी दुकानें बंद पड़ी हैं। जब तक केंद्र सरकार लोकसभा में अध्यादेश नहीं लाती है तब तक हमारी दुकानों की डी-सीलिंग होनी मुश्किल है।
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करीब 10 हजार संपत्तियों पर हो चुकी है सीलिंग गौरतलब है दिल्ली में 2017 के दिसम्बर माह से सीलिंग की कार्रवाई शुरु की गई थी। इसके बाद दिल्ली के लाजपत नगर, अमर कॉलोनी, डिफेंस कॉलोनी, छतरपुर, महिपालपुर, लक्ष्मी नगर, शाहदरा, गांधी नगर समेत कई बड़े बाजारों में सीलिंग की कार्रवाई की जा चुकी है। जानकारी के मुताबिक, अब तक तीनों निगम द्वारा करीब 10 हजार संपत्तियों पर दुरुपयोग के आरोप में सीलिंग की कार्रवाई की जा चुकी है।
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सीलिंग बंद करने का मुद्दा लोकसभा में उठाया सांसद डॉ. उदित राज ने बुधवार को लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत दिल्ली में चल रही सीलिंग का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मॉनिटरिंग कमेटी के माध्यम से दिल्ली से संपत्तियों को सील करने का कार्य करना शुरू कर दिया है। उत्तर-पश्चिम दिल्ली में 25 हजार से अधिक फैक्ट्रियां हैं।
चाहे प्रदूषण करने वाले प्रतिष्ठान हो या ना हो सबको सील किया जा रहा है। अनिधिकृत निर्माण की भी सीलिंग हो रही है जो कि न्यायपालिका के न्यायक्षेत्र में नही है। सीलिंग कर रहे तमाम अधिकारियों के द्वारा उगाही की शिकायतें संज्ञान में आ रही हैं। डॉ. उदित राज ने गृहमंत्री से मांग की कि शीघ्र ही सीलिंग से निजात दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाए।
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