नई दिल्ली/टीम डिजिटल। लॉकडाउन की दूसरी पारी भी अब खत्म होने वाली है। इस बीच भारत लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ा है। सरकार ने हर संभव प्रयास किए लेकिन फिर भी भारत में कोरोना का संक्रमण चरम पर पहुंच गया। फिलहाल दो दिन बाद लॉकडाउन की अवधि समाप्त हो रही है अब आगे क्या सरकार फिर लॉकडाउन को बढ़ाएगी, ये सभी का सवाल है।
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क्या कहते हैं जानकर लेकिन इस बीच यह भी जानना जरुरी है कि इस लॉकडाउन से भारत को क्या फायदा हुआ है। इस बारे में इंडियन एक्सप्रेस में छपे आर्टिकल में चेन्नई में मैथमेटिकल साइंस के डेटा साइंटिस्ट सिताभ्र सिन्हा ने कहा है कि लॉकडाउन से भारत को काफी फायदा हुआ है, कोरोना के मामले बढ़ने से बचे हैं।
वहीँ, भारत में कोरोना के मौजूदा मामले 33 हजार के पार जा चुके हैं। जिनमें से 1000 लोगों की मौत हो चुकी है और 8 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं।
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क्या है वास्तविकता एक रिपोर्ट की माने तो भारत में कोरोना के मरीज हर 15 दिन में डबल हो रहे हैं। लॉकडाउन से पहले ये मामले 3.4 दिनों में डबल हो रहे थे जबकि 27 अप्रैल तक इनकी रफ्तार 10.77 थी। वहीँ, देश के कुछ राज्यों जिनमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और ओडिशा शामिल हैं में मरीजों की संख्या 11-15 दिनों में तेजी से डबल हो रही है।
जबकि तेलंगाना में 58 दिन में मामले डबल होते हैं जो सबसे कम है। इसके बाद केरल में 37।5 दिन लगते हैं, उत्तराखंड में 30.3 दिन और हरियाणा में 24.4 दिन में मरीज बढ़ते हैं।
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ये राज्य है ज्यादा प्रभावित भारत में कोरोना संकट सबसे ज्यादा महाराष्ट्र और गुजरात में गहराया हुआ है। यहां के हालात बेहद खराब हैं। इन दोनों राज्यों में सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या है। महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों की संख्या 10 हजार के पार जा चुकी है जबकि गुजरात में 4082 मरीज हैं।
वहीँ, इन दो राज्यों सें मरने वालों की संख्या भी 60% से ज्यादा है। चार सौ से ज्यादा लोग महाराष्ट्र में तो 200 लोगों की मौत गुजरात में हो हो चुकी है।
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बंगाल में बुरे होते हालात उधर, पश्चिम बंगाल भी इन दो राज्यों जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं। समस्या ये है कि यहां मरीजों को लेकर किए जाने वले दावे अलग-अलग हैं। बीते दिन यहां 700 से ज्यादा नए केस आए हैं और यहां बीते 23- 27 अप्रैल के आंकड़ों के हिसाब से मरीजों की संख्या 7.13 दिनों में डबल हो रही थी। ऐसा लगता है जैसे महाराष्ट्र और गुजरात के बाद यहां जल्द हालात बिगड़ने वाले हैं।
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