Monday, May 29, 2023
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sensex kshetriya dalon ka book released shatrughan sinha said talwarwad of cbi ed big threat

'सेंसेक्स क्षेत्रीय दलों का' का विमोचन, शत्रुघ्न सिन्हा बोले- तलवारवाद से बड़ा खतरा

  • Updated on 8/30/2022

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। समाचार पत्र नवोदय टाइम्स के संपादक अकु श्रीवास्तव की किताब 'सेंसेक्स क्षेत्रीय दलों का' के विमोचन के दौरान वरिष्ठ नेता व अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मौजूदा समय में सीबीआई और ईडी रूपी तलवारवाद बेहद खतरानाक रूप में नजर आ रहा है। जिस तरह से विपक्षी दलों, खास तौर पर क्षेत्रीय दलों को इसके जरिए निपटाया जा रहा है, वह बेहद भयावह है। उन्होंने कहा कि इस तलवारवाद से क्षेत्रीय दल किस तरह से बच पाते हैं, इसके लिए हमें 2024 तक का इंतजार करना पड़ेगा। 

भाजपा के पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि जिस तरह से आम आदमी पार्टी को एक के बाद एक करके निशाना बनाया जा रहा है, उससे लगता है कि दाल में कुछ काला है। सिन्हा ने क्षेत्रीय दलों की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि मौजूदा समय में अकु श्रीवास्तव की किताब 'सेंसेक्स क्षेत्रीय दलों का' बहुत मायने रखती है। उन्होंने कहा कि 2024 तक क्षेत्रीय दलों के सेंसेक्स में बेहद उतार-चढाव देखने को मिल सकता है। 

क्षेत्रीय दलों पर रूडी का विश्लेषण 
इस मौके पर विशेष अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने भी देश के 1990 के बाद के क्षेत्रीय दलों का विश्लेषण किया। उन्होंने कहा कि देश में दलों का स्वरूप परिवारवादी, व्यक्तिवादी और क्षेत्रीयवादी रहा है। यह कांग्रेस से शुरू होकर भाजपा, राजद, बसपा और नेशनल कांफ्रेंस में देखा जा सकता है। मायावती, जयललिता, नीतीश कुमार और अब केजरीवाल की पार्टी व्यक्ति विशेष बनकर रह गई है। 

क्षेत्रीय दलों भूमिका अहम- संजय सिंह 
इस मौके पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने आजादी के बाद के क्षेत्रीय दलों के मिजाज पर प्रकाश डाला और कहा कि क्षेत्रीय दलों भूमिका हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने बताया है कि आजादी के बाद क्षेत्रीय दल ना व्यक्तिवादी थे और ना ही परिवारवादी थे। उनका मकसद जनता से सरोकार रखने वाला था, जहां कांग्रेस की तूती बोलती थी, वहां भी क्षेत्रीय दलों ने दमखम दिखया। केरल में पहले क्षेत्रीय दल ने सत्ता हासिल की। राम मनोहर लोहिया ने क्षेत्रीय दल को रूप दिया और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर गैर कांग्रेसवाद का नारा दिया। लालू, मुलायम इसी समाजवादी आंदोलन से निकले और अपने दलों का गठन किया और परिवारवाद हावी होता चला गया। 
 

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