नई दिल्ली/टीम डिजिटल। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी- लोहिया (प्रसपा) के प्रमुख और अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को बृहस्पतिवार को सपा का झंडा प्रदान किया। इसी के साथ सपा में प्रसपा का विलय हो या।
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा उम्मीदवार डिंपल यादव की जीत लगभग तय होने के बाद सैफई पहुंचे अखिलेश ने शिवपाल को पार्टी का झंडा प्रदान किया। सपा और शिवपाल ने अपने- अपने हैंडल से इस घटनाक्रम की तस्वीर भी ट्वीट की। घटनाक्रम से सपा में प्रसपा के विलय के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
सपा के सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश द्वारा दिए गए झंडे को शिवपाल की गाड़ी पर लगा दिया गया। उन्होंने बताया कि इस घटनाक्रम से जाहिर हो रहा है कि अखिलेश और शिवपाल ने अपने सारे गिले- शिकवे भुलाकर एक- दूसरे की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं।
गौरतलब है कि सितंबर 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कैबिनेट मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव के बीच पार्टी और सरकार में वर्चस्व की जंग शुरू हो गई थी। एक जनवरी 2017 को अखिलेश को सपा का अध्यक्ष बना दिया गया था। उसके बाद शिवपाल पार्टी में हाशिये पर पहुंच गये थे।
सपा में ‘सम्मान' न मिलने का आरोप लगाते हुए शिवपाल ने अगस्त 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया का गठन कर लिया था। शिवपाल ने वर्ष 2019 में फिरोजाबाद लोकसभा सीट का चुनाव सपा प्रत्याशी अक्षय यादव के खिलाफ लड़ा था।
Uttar Pradesh | We have merged Pragatisheel Samajwadi Party (Lohia) into Samajwadi Party. In 2024, we will fight unitedly. From today, there will be Samajwadi Party flag (on the car): Shivpal Singh Yadav at Saifai pic.twitter.com/evGd2irdPC — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 8, 2022
Uttar Pradesh | We have merged Pragatisheel Samajwadi Party (Lohia) into Samajwadi Party. In 2024, we will fight unitedly. From today, there will be Samajwadi Party flag (on the car): Shivpal Singh Yadav at Saifai pic.twitter.com/evGd2irdPC
हालांकि, वह जीत नहीं सके थे, लेकिन उन्हें 90 हजार से ज्यादा वोट मिले थे, जिसे सपा प्रत्याशी की हार की बड़ी वजह माना गया था। शिवपाल ने इस साल की शुरुआत में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जसवंतनगर सीट से सपा के ही टिकट पर चुनाव लड़ा था और उसमें जीत हासिल की थी। मगर उसके बाद अखिलेश से फिर से उनका मनमुटाव शुरू हो गया था।
हालांकि, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में शिवपाल ने गिले- शिकवे भुलाकर अखिलेश की पत्नी और सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के पक्ष में जबरदस्त प्रचार किया था। मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में आने वाले शिवपाल के जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में डिंपल को एक लाख से ज्यादा मतों से बढ़त हासिल हो चुकी है।
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