नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। मुंबई के मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर के पास मिली विस्फोटक से लदी गाड़ी केस में एनआईए (NIA) ने बड़ा खुलासा किया है। एनआईए ने इस से में गिरफ्तार किए गए सचिन वाजे से पूछताछ के दौरान पता लगाया कि इस मामले में कई बड़े अधिकारियों का भी हाथ है। ऐसे में कई सावल उठ रहे हैं जैसे क्या कोई पुलिस अफसर सिर्फ अपनी काबिलियत साबित करने के लिए देश के सबसे अमीर शख्स के घर के बाहर एक कार में विस्फोटक रख सकता है? क्या कोई पुलिस अफसर सिर्फ पब्लिसिटी के लिए ऐसी साजिश को अंजाम दे सकता है? एनआईए ने बताया कि मुकेश अंबानी के घर के पास पीपीई किट में दिखे शख्स की भी पहचान हो गई है वो सचिन वाजे ही है।
उन्होंने आगे कहा कि सचिन तो बस एक छोटा सा मोहरा है इसमे कई और बड़ी मछली हैं। जिनके निर्देश पर सचिन काम कर रहा था। जिन्हें जल्द ही पूछताछ के लिए भी बुलाया जाएगा। इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंडियन मुजाहिद्दीन के एक साथी तहसीन अख्तर को गिरफ्तार किया है। आपको बता दें कि तहसीन बम बनाने में माहिर है।
पूरी साजिस सिर्फ और सिर्फ पब्लिसिटी के लिए बताया जा रहा है कि एंटीलिया केस की जांच कर रही एनआईए के सूत्रों के मुताबिक एंटीलिया के बाहर पूरी साजिस सचिन वाजे ने सिर्फ और सिर्फ पब्लिसिटी पाने और ये साबित करने के लिए रची कि वो अब भी एक बेहतरीन पुलिस अफसर है और आतंक से जुड़ी साजिश की जांच वो बखूबी कर सकते है।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक सचिन वाजे से अब तक की पूछताछ और जांच के बाद ये बात सामने आई है कि इस साज़िश में सचिन वाज़े के बेहद करीबी कुछ पुलिस अफसर शामिल थे. फिलहाल की जांच में नेताओं या मुंबई पुलिस के आला अफसरों की कोई भूमिका सामने नहीं आई है।
मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली कार उल्लेखनीय है कि मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के नजदीक 25 फरवरी को जिलेटिन छड़ों के साथ एक एसयूवी कार मिली थी जिसकी जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) कर रहा है और इसी दौरान वाजे का नाम प्रकाश में आया। वाजे को 13 मार्च को मामले में कथित भूमिका को लेकर गिरफ्तार किया गया और वह गिरफ्तारी से पहले तक मुंबई पुलिस की अपराध खुफिया शाखा में कार्यरत थे। फडणवीस ने कहा कि मैं वर्ष 2018 में राज्य का मुख्यमंत्री था और गृह विभाग भी मेरे अधीन था। शिवसेना अध्यक्ष ने मुझसे संपर्क कर निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को दोबारा बहाल करने को कहा। कुछ अन्य शिवसेना नेताओं ने भी इसी तरह का अनुरोध बाद में मुलाकात कर किया।
टेलीग्राम एप से से ली गई थी जिम्मेदारी बता दें कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर 25 फरवरी को एसयूवी कार में विस्फोटक जिलेटिन की छड़े बरामद हुई थी और उसके बाद एक टेलीग्राम नंबर के जरिए धमकी भी दी गई थी जिसे जैश उल हिंद ने बनाया था। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्पेशल सीपी सेल को मुंबई पुलिस ने एक पत्र के माध्यम से बताया कि उनकी जांच में सामने आया है कि जिस टेलीग्राम एप से जैश उल हिंद ने जिलेटिन रखने की जिम्मेदारी ली थी वह तिहाड़ जेल में बना था।
मुंबई पुलिस ने पत्र में लिखा था कि वह किसने बनाया इसकी जांच सुनिश्चित की जाए। मुंबई पुलिस ने एनआईए सहित दिल्ली पुलिस को बताया कि तकनीकी जांच और विश्लेषण में पाया गया कि इस मामले में फोन के माध्यम से इंटरनेट का प्रयोग किया गया था। इस संबंध में आईटी जांच के मुताबिक मेल 26 फरवरी को भेजा गया था। इंटरनेट मीडिया टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से मेल भेजा गया था।
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