नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। राजस्थान कांग्रेस में चल रही आपसी खींचतान खत्म करने को गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। दूसरे धड़े के नेताओं को भी मंत्रिमंडल में उचित स्थान देकर बैलेंस बनाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि इस बदलाव में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की भूमिका अभी स्पष्ट नहीं है।
राजस्थान में लंबे समय से गहलोत मंत्रिमंडल में विस्तार व बदलाव की बात हो रही है। इसका मकसद पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के विधायकों को एडजस्ट करना है। संगठन और सरकार में पर्याप्त भागीदारी नहीं मिलने के चलते पायलट खेमे के विधायक नाराज हैं और इसी के चलते पिछले साल बगावत भी कर दी थी। हाईकमान के समझाईश और आश्वासन के बाद वापस आए सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक अब फिर से दबाव बढ़ा रहे हैं। हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अभी भी इस विस्तार और बदलाव के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन पार्टी हाईकमान ने उन्हें
पायलट खेमे के साथ मिलकर काम करने और आंतरिक खींचतान खत्म करने का स्पष्ट निर्देश दे दिया गया है। पिछले महीने पार्टी के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और राज्य कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने जयपुर का दौरा कर पार्टी के विधायकों से रायशुमारी की थी। उसी दौरान मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की थी। बताया गया कि मुख्यमंत्री ने भी हाईकमान के निर्देशों पर अपनी मुहर लगा दी है। जिसके बाद जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार और बदलाव की संभावना है। इसकी तस्दीक प्रदेश कांग्रेस प्रभारी महासचिव अजय माकन ने भी वीरवार को यहां की। एक प्रेस कांफ्रेन्स के दौरान किए गए सवालों पर माकन ने कहा कि राजस्थान में कैबिनेट विस्तार और विभिन्न बोर्ड-निगमों में नियुक्तियों को लेकर रोडमैप तैयार है और यदि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अस्वस्थ नहीं हुए होते तो अब तक ये काम पूरे हो चुके होते। उन्होंने कहा कि गहलोत जी की तबियत खराब नहीं होती तो उन्हीं एक -दो दिन के अंदर यह सब हो जाता है। उस समय विधानसभा सत्र आरंभ होने वाला था, ऐसे में हमारी सोच थी कि कैबिनेट विस्तार, जिला अध्यक्ष और बोर्ड-एवं निगमों की नियुक्ति कर देते।
सचिन पायलट को पार्टी के राष्ट्रीय संगठन में जिम्मेदारी दिए जाने की अकटलों से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इस पर कोई भी फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के स्तर पर होगा। उल्लेखनीय है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। पायलट गुट सरकार और संगठन में अपना उचित प्रतिनिधित्व चाहता है। कांग्रेस आलाकमान दोनों गुटों के बीच संतुलन बनाकर समाधान निकालने की कोशिश में है।
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