Sunday, Jun 04, 2023
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NSE में चित्रा रामकृष्ण- अज्ञात योगी प्रकरण पर सीतारमण ने सरकार का रुख किया साफ

  • Updated on 2/22/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में संचालन स्तर पर चूक मामले को देख रही है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया कि क्या चूक को लेकर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के संदर्भ में पर्याप्त सुधारात्मक कदम उठाये गये हैं। उल्लेखनीय है कि इसी महीने बाजार नियामक सेबी ने एनएसई और उसके पूर्व प्रबंध निदेशकों तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण तथा अन्य के खिलाफ विभिन्न प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर जुर्माना लगाया है। यह मामला समूह परिचालन अधिकारी और तत्कालीन प्रबंध निदेशक रामकृष्ण के सलाहकार के रूप में आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति से संबंधित है। 

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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये, एनएसई, नारायण और सुब्रमण्यम पर दो-दो करोड़ रुपये और वी आर नरसिम्हन पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। नरसिम्हन उस समय मुख्य नियामक अधिकारी और मुख्य अनुपालन अधिकारी थे। सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार एनएसई में संचालन स्तर पर चूक मामले को देख रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है कि क्या इसके लिये जिम्मेदार लोगों को दंडित करने या उनके खिलाफ कार्रवाई के संदर्भ में पर्याप्त सुधारात्मक कदम उठाये गये थे।’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘...मैं इसे देख रही हूं लेकिन अभी इस बारे में टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हूं।’’ वित्त मंत्री से यह पूछा गया था कि क्या जो जुर्माने लगाये गये, वे पर्याप्त थे। 

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राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ एजेंसियों के इस्तेमाल का आरोप बेबुनियाद
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को भाजपा नीत सरकार पर राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल के आरोप को पूरी तरह ‘आधारहीन’ करार दिया। यहां संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने आश्चर्य जताया कि अगर केंद्र एजेंसियों के जरिये दबाव बना रहा है तो फिर विपक्षी दलों की बैठकें कैसे हो रही हैं। जैसे तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार की हाल में बैठक हुई है। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तभी कदम उठाता है जब कोई अपराध होता है या कहीं कोई मामला दर्ज होता है। और अगर मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत मामला है, तो ईडी कदम उठाता है। विपक्षी दलों को चुप कराने या राज्य सरकारों को अस्थिर करने के लिये भारतीय जनता पार्टी द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल के आरोप के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने इन्हें ‘आधारहीन’ बताया। 

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उन्होंने कहा, ‘‘अगर मान लिया जाए हम जांच एजेंसियों का विपक्षी दलों के खिलाफ उपयोग कर रहे हैं, तो तीनों नेताओं ने कैसे बैठक की और सार्वजनिक रूप से कैसे बयान दिये। दबाव का आखिर क्या उपयोग है? किसी पर कोई दबाव नहीं है...।’’ भाजपा कार्यकर्ताओं का नाम लिये बिना वित्त मंत्री ने कहा कि यही विपक्ष जो पश्चिम बंगाल में राज्य पुलिस का इस्तेमाल कार्यकर्ताओं के खिलाफ कर रहा है, उन्हें ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाला ईडी कैसे काम करता है। सीतारमण ने कहा, ‘‘अगर ईडी राजनीति या किसी अन्य कारण से कुछ करना भी चाहे, तो यह बिल्कुल संभव नहीं है। जब तक आपके पास कदम उठाने के लिये पर्याप्त साक्ष्य न हों, वह कदम नहीं उठा सकता। यह ध्यान रखें कि ईडी पहले कोई कदम नहीं उठाता। यह कानून लागू करने वाली एजेंसी है जो गंभीर अपराध से जुड़े मामलों से निपटती है। यानी कहीं कोई अपराध हुआ है और उस पर कार्रवाई की जा रही है। और अगर उसमें मनी लांङ्क्षड्रग का मामला आता है, तो फिर ईडी कदम उठाएगा।’’ 

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उन्होंने कहा, ‘‘...अगर मैं चाहूं तो भी जांच नहीं हो सकती। लेकिन अगर कोई अपराध हुआ है, तो मैं चाहकर भी नहीं रोक सकती।’’      उल्लेखनीय है कि विपक्ष केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाता रहा है। उसका दावा है कि सरकार एजेंसियों का अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है। सीतारमण ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में हर दल को मिलने और गठबंधन बनाने का अधिकार है। लेकिन दबाव की बात न करें। आप मिलते हैं और बात भी करते हैं। अगर हम मान लें कि वास्तव में दबाव डाला जा रहा है, तो भी आप बात कर रहे हैं? फिर दबाव का क्या फायदा। मैं बार-बार कह रही हूं यह बिल्कुल निराधार आरोप है।’’ 

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