नई दिल्ली/प्रियंका। लॉकडाउन के कारण देशभर में राज्यों में फंसे मजदूरों का पैदल पलायन जारी है। सरकार ने ट्रेनें भी चलाई लेकिन अधिकतर मजदूर इससे अंजान हैं और इस काबिल भी नहीं की ट्रेनों में सफर कर सकें, उन्हें न ही ऑनलाइन सिस्टम का पता है और न ही उनके पास उससे जुड़ा कोई साधन हैं।
इस बीच सोशल मीडिया पर हर रोज ही मजदूरों के पलायन करने को लेकर कई मार्मिक तस्वीरें और वीडियो सामने आते रहते हैं। पिछले दिनों एक तस्वीर सामने आई जिसने लोगों को प्रवासी मजदूरों के दुःख और उनके परिवारों पर गुजरती त्रासदी से रूबरू कराया। ये हैं वो तस्वीर...
इस तस्वीर में पुरुष, महिलाएं और बच्चे पहले से ही एक ट्रक में बैठे दिखते हैं और एक आदमी अपने एक हाथ से ट्रक से बंधी रस्सी पकड़ा है और दूसरे हाथ से अपने बच्चे को, उसकी मां के हाथ से लेकर, ट्रक में बैठे एक दूसरे व्यक्ति को देता नजर आता है। उस आदमी के बाएं तरफ एक महिला भी ट्रक पर चढ़ने की कोशिश करती देखी जा सकती है।
प्रवासी मजदूरों की घर वापसी नहीं होगी आसान, राज्य सरकारों को बेलने पड़ेंगे कई पापड़
समय की त्रासदी ये तस्वीर बिछड़ने का दुःख महसूस कराती है तो बेबसी की रुलाई भी याद दिला देती है। कितनी बड़ी त्रासदी है ये समय की, जिन लोगों से कोरोना बीमारी का प्रसार देश में हुआ वो हवाई यात्रा कर देश, अपने घर पहुंचे थे और जिन लोगों का इसमें कोई दोष नहीं वो अपने घरों को जाने के लिए भटक रहे हैं।
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कहां की है ये तस्वीर बताया जा रहा है कि यह तस्वीर छत्तीसगढ़ की है। ये लोग लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंस कर धीरे-धीरे सड़क के रास्ते अपने घरों को लौट रहे हैं। कुछ रिपोर्ट भी सामने आई थीं जिनमें बताया गया है कि इस दौरान 67% से ज्यादा लोगों की नौकरियां और रोजगार छीन गये। लोगों के पास खाने के लिए नहीं है। रोज लाखों मजदूर आधा पेट खा कर रहने को मजबूर हैं।
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अनजान है अधिकतर लोग सरकार ने भले ही ट्रेनों की सुविधाएं दीं लेकिन ये काफी नहीं थीं। जमीनी तौर पर देखा जाए तो मजदूर जानते ही नहीं कि ऑनलाइन किस तरह से ट्रेनें बुक की जाती है। उनके पास स्मार्ट फ़ोन नहीं है। इंटरनेट नहीं है तो फिर वो कैसे लॉकडाउन के बीच ट्रेनें बुक कर सकते हैं? सरकार ने वेबसाइट लिंक शेयर किए लेकिन किसके लिए और किस तरह? गरीब मजदूर तक ये जानकारी कैसे पहुंचेगी? इस बारे में सरकार ने कोई काम नहीं किया।
कोरोना वायरस का प्रसार होने में भी सबसे बड़ी जो कमी इस देश की जो सामने आती है वो है जागरूकता की कमी होना। लोगों को वायरस का डर नहीं है उन्हें घर जाना है, क्योंकि वो ये जानते ही नहीं कि ये वायरस क्या है, वो नहीं जानते कि ये सच है या सरकार का कोई खेल!
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