नई दिल्ली/ पं. शशि मोहन बहल। जो व्यक्ति स्वप्न में विषपान करके मृत्यु को प्राप्त होते हुए अपने-आपको देखता है, वह रोग या अन्य कष्ट से मुक्त होकर सुख प्राप्त करता है।
कष्ट या रोग से मुक्त होने के स्वप्न -जो व्यक्ति स्वप्न में विषपान करके मृत्यु को प्राप्त होते हुए अपने-आपको देखता है, वह रोग या अन्य कष्ट से मुक्त होकर सुख प्राप्त करता है। -जो व्यक्ति स्वप्न में कुमकुम लगाकर अपने दाह-संस्कार को देखता है, वह कष्ट से मुक्त हो जाता है। -जो व्यक्ति स्वप्न में देवताओं को, साधुओं को, माता को अथवा पिता को श्रद्धा-भक्ति सहित देखता व सम्मान करता है उसके रोग नष्ट हो जाते हैं। इसके विपरीत वह उनको अपमानित करता है तो वह रोगी हो जाता है।
सम्मान व सुखप्रद स्वप्न -जो व्यक्ति स्वप्र में ठंडे जल से स्नान करता है अथवा ठंडे जल में क्रीड़ा करता है, उसे जीवन सुख और उन्नति के अवसर मिलते रहते हैं, तरक्की होती है। -काला अगर, कपूर, कस्तूरी, चंदन, मेघ किसी स्वप्र में दिखते हैं अथवा जो इनका मर्दन करता है उसे समाज में सम्मान और सुख प्राप्त होते हैं। -मित्रों, हितैषी बंधुओं, सजी-संवरी स्त्रियों और कमल के पुष्पों का स्वप्र में दर्शन शुभ फल का सूचक होता है। -जो व्यक्ति स्वप्र में गाय दुहने के बर्तन में झाग वाले दूध को पीता है उसे जीवन में सुखद अवसर मिलते हैं। -केला, अनार, संतरा, मातुलुंग को जो स्वप्र में देखता या खाता है , उसके मनोरथ सफल होते हैं। -यदि ऊपर लिखित वृक्ष, पुष्प अथवा फल स्वप्र में दिखाई देते हैं तो व्यक्ति का अमंगल नहीं होता। -स्वप्र में यदि कोई व्यक्ति अपने-आपको अच्छे वस्त्र पहने व्यक्तियों के द्वारा पूजित होते देखता है तो उसे सम्मान व शुभ फल प्राप्त होता है।
स्त्री लाभ के स्वप्न -जो व्यक्ति कामातुर होकर वशीकरण का प्रयोग कर रहे होते हैं या विवाह होने के लिए कोई अनुष्ठान करते हैं, उनको यदि स्वप्र आते हैं तो उसका प्रयोग सफल होता है। -जिनको स्वप्र में मक्खी-मच्छर, डांच या खटमल खा जाते हैं या लिपट जाते हैं, उन्हें उत्तम स्त्री प्राप्त होती है। -जो व्यक्ति वीणा हाथ में लेकर जगता है, अर्थात हाथ में वीणा धारण किए हुए से स्वप्र देखता है और उसी समय जग भी जाता है तो स्त्री लाभ होता है। -जो व्यक्ति स्वप्र में किसी सुंदर पक्षी या पशु को हाथ से छूता हुआ जागता है, उसे उत्तम स्त्री प्राप्त होती है। -स्वप्र में जो व्यक्ति सुंदर, रूपवती, सुडौल स्त्रियों के साथ आङ्क्षलगन, कुच-मर्दन या अन्य कामुक क्रीड़ा करता है, उसे स्त्री लाभ होता है।
विद्या-प्राप्ति सूचक स्वप्न -स्वप्र में जो व्यक्ति गेहूं, जौ, सरसों को देखता है, छूता है या प्राप्त करता है उसको विद्या प्राप्त होती है। -जो व्यक्ति वैकुंठधाम को, बैकुंठ में अधिष्ठित चतुर्भुज विष्णु को स्वप्र में देखता है, उसे सास्वत मंत्री की उपासना में अथवा विद्या या योग साधना में सफलता प्राप्त होती है। -स्वप्र में जो लक्ष्मी को, सरस्वती को, सूर्यदेव को, अपने कुलदेवता को देखता है और जाग जाता है, उसे विद्या और यश प्राप्त होता है। -स्वप्र में जो देवताओं द्वारा दिए गए अमृत का पान करता है, उसे विद्या व यश प्राप्त होता है। -स्वप्र में जो व्यक्ति नीचे धरती से गिरकर फिर उछल आता है, उसकी बुद्धि विकसित होती है, ज्ञान प्राप्त होता है और उन्नति होती है।
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