Monday, May 29, 2023
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source text diljit dosanjh donated 1 crore rupees for the farmers involved in the protesting sohsnt

आंदोलन में शामिल किसानों के लिए दिलजीत दोसांझ ने दान किए 1 करोड़ रुपए, सरकार से की ये मांग

  • Updated on 12/6/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्र सरकार (Central Govt) द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों (New Farm Bill) के विरोध में किसानों का आदोंलन आज 11वें दिन भी लगातार जारी है। ऐसे में सरकार और किसानों के बीच बैठकों का दौर भी जारी है। अब तक हुई पांच बैठकों के बाद भी समस्या जस-की-तस बनी हुई है। ऐसे में पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार एवं मशहूर गायक दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) बीते शनिवार को किसान आंदोलन के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पहुंचे।

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दिलजीत ने किसानों के लिए दान किए 1 करोड़ रुपए
पंजाबी सिंगर सिंघा ने दिलजीत द्वारा दान में दी गई 1 करोड़ की धनराशि का खुलासा करते हुए बताया कि इन पैसों से किसानों को गर्म कपड़े और कम्बल दिलवाएंगे। दिलजीत ने सिंघु बॉर्डर पर सरकार से विनती करते हुए कहा कि, कृपया हमारे किसानों की मांगे पूरी कर दी जाए। सब यहां शांति से बैठे हैं और पूरा देश किसान आदोंलन समर्थन में उनके साथ है।' उन्होंने कहा, 'आप सभी को सलाम, किसानों ने नया इतिहास रचा है। यह इतिहास आने वाली पीढ़ी को बताया जाएगा। किसानों के मुद्दों को कोई भी नहीं मोड़ सकता।'

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मशहूर गायक हरभजन मान ने लिया ये बड़ा फैसला
बता दें कि किसान आदोंलन के समर्थन में कई दिग्गज नेताओं के अलावा अब फिल्मी हस्तियां भी सामने आने लगी हैं। दिलजीत से पहले पंजाब के मशहूर गायक हरभजन मान (Harbhajan Mann) ने किसान आंदोलन को लेकर एक बड़ा फैसला लिया था। मान दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन में भी शामिल हुए थे। मान ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन करते  हुए शुक्रवार को घोषणा कर कहा कि वह राज्य सरकार के 'शिरोमणि पंजाबी' पुरस्कार को स्वीकार नहीं करेंगे। पंजाब भाषा विभाग ने बृहस्पतिवार को मान को इस पुरस्कार के लिए चुना था। विभाग ने साहित्य और कला की 18 विभिन्न श्रेणियों के लिए साहित्य रत्न और शिरोमणि पुरस्कारों की घोषणा की थी।

आज कोई बड़ी घोषणा कर सकती है  केंद्र सरकार
वहीं दूसरी ओर नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को खत्म कराने के लिए केंद्र सरकार और किसानों के बीच बीते शनिवार को पांचवे दौर की बैठक हुई। इस बैठक में भी कोई हल नहीं निकल सका। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि किसानों के साथ बातचीत सार्थक नतीजे की ओर बढ़ रही है। दूसरी ओर, किसानों का कहना है कि संशोधन नहीं, तीनों कानून वापस होने चाहिए। सरकार पर दबाव बनाने को किसानों ने 8 दिसम्बर को भारत बंद का भी ऐलान कर दिया है।

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