Saturday, Jun 03, 2023
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Speakers expressed their views on Mithila culture through Magnificent Mithila

मैग्नीफिसेंट मिथिला के जरिये मिथिला संस्कृति पर वक्ताओं ने रखे विचार

  • Updated on 1/9/2022

नई दिल्ली / टीम डिजिटल। मिथिला की कलाकारी और भाषा के बारे में चर्चाएं होती रहती हैं, लेकिन मिथिला के लोक देवताओं में श्रीराम से लेकर अन्य देवी देवताओं के अहम स्थान और मिथिला संस्कृति के बारे में भी लोगों के बीच जानकारी पहुंचाने के इरादे से एक ऑनलाइन संगोष्ठी आयोजित की गई। मैग्नीफिसेंट मिथिला के जरिये मिथिला संस्कृति पर वक्ताओं ने अपने विचारों को साझा किया। लोक संस्कृति को समर्पित संस्था संवर्धन ट्रस्ट ने मिथिला की संस्कृति पर कार्यक्रम का आयोजन किया। 

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संस्था के पदाधिकारी वेदव्रत तिवारी ने बताया कि वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं संस्था की अध्यक्ष डा.यूथिका मिश्रा ने लोकमंगलम की नवीन श्रंृखला पर अपने विचार रखे। इग्नू के दर्शन विभाग के प्रोफेसर अरविंद कुमार झा अपने वक्तव्य में भारतीय दर्शन को मिथिला की देन पर विस्तार से विचार रखे। जबकि आनंदी फाउंडेशन के डॉ प्रदीप कांत चौधरी ने मिथिला के लोक देवताओं पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किये।

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कार्यक्रम में मैथिल भाषा और साहित्य पर अपने विचाररखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय की डॉ सविता झा ने लोक जीवन और प्रकृति के अंतरसंबंधों पर प्रकाश डाला। उनके अलावा अभिषेक देव ने मिथिला के लोक नृत्यों में महिलाओं की भागीदारी पर प्रकाश डाला। अंतरराष्ट्रीय स्तर की इस संगोष्ठी में कई अन्य देशों के शिक्षाविद् एवं विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान संस्था की संरक्षिका प्रोफेसर ज्योत्सना तिवारी व डा.शशि भूषण सिंह आदि शामिल रहे। 

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