नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) का लक्ष्य भविष्य में 22 भारतीय भाषाओं में प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करना है। उन्होंने यहां ‘‘भारतीय भाषा उत्सव: प्रौद्योगिकी एवं भारतीय भाषा शिखर सम्मेलन'' के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि उनका इरादा सभी इच्छुक उम्मीदवारों को भाषाई बाध्यताओं से परे समान अवसर प्रदान करना है।
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदेश पर इस वर्ष से, एसएससी परीक्षाएं 13 भाषाओं- 11 क्षेत्रीय भाषाओं और हिंदी एवं अंग्रेजी- में आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले, परीक्षार्थियों के पास परीक्षा के माध्यम के रूप में हिंदी या अंग्रेजी में से किसी एक को चुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि 2014 से पहले अंग्रेजी का हिंदी में अनुवाद भी बहुत खराब तरीके से किया जाता था, जिससे कई छात्रों को नुकसान होता था।
कार्मिक मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि आने वाले समय में एसएससी का लक्ष्य संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी 22 भारतीय भाषाओं में प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करना है। सिंह ने कहा कि जेईई, एनईईटी और यूजीसी परीक्षाएं भी 12 भारतीय भाषाओं में आयोजित की जा रही हैं।
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