नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भाजपा के राज्यसभा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) अपने बेबाक बयानों को लेकर अकसर सुर्खियों में रहते हैं। एक ओर जहां वह विपक्ष को आड़े हाथ लेते रहते हैं, वहीं भाजपा को भी खरी-खरी सुनाकर मोदी सरकार को मुसीबत में डालते रहते हैं।
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Having watched Ramayana and Mahabharata on TV I wondered where a gyani and tapasvi Ravana and yoddha Duryodhan go wrong? Ahankaar and Disregard of in house advice of experienced Vibhushan and Vidur. — Subramanian Swamy (@Swamy39) May 18, 2020
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अपनी ही सरकार की नीतियों की आलोचना करने में वह पीछे नहीं रहते हैं। इसी कड़ी में उन्होंने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने इशारों-इशारों में केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अनुभवी दिग्गजों की सलाह को नजरअंदाज करने की ओर संकेत किया है।
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इसके लिए स्वामी ने रामायण और महाभारत सीरियल्स को आधार बनाया है। अपने ट्वीट में वह लिखते हैं, 'रामायण और महाभारत सीरियल टीवी पर देखने के बाद मैं हैरान हूं कि ज्ञानी और तपस्वी रावण और योद्धा दुर्योधन से कहां चूक हो गई? अहंकार के वशीभूत होकर घर के विभीषण और विदुर जैसे अनुभवी की सलाह का तिरस्कार।'
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हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आर्थिक पैकेज को लेकर भी स्वामी ने वित्त मंत्रालय पर निशाना साधा था। इसके साथ ही उन्होंने गुजरात में बढ़ते कोरोना मामले के मद्देनजर मुख्यमंत्री विजय रुपानी की जगह आनंदी बेन के फिर से सीएम पद पर लाने का कटाक्ष किया था। साफ है कि वह एक तीर से दो निशाने लगाने में माहिर हैं। सियासी पंडितों का मानना है कि इस वजह से उन्हें मोदी सरकार में अहम मंत्री पद से दूर रखा गया है।
बता दें कि विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि भाजपा में सिर्फ पीएम मोदी और अमित शाह के अलावा किसी की नहीं चलती है। सरकार भी इन्हीं दो के इशारों पर काम कर रही है। 2014 में सत्ता में आने के बाद जिस तरह से कई वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर मार्गदर्शक मंडल में डाला गया, उससे भी दिग्गजों में खलबली मच गई थी। आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शत्रुघ्न सिन्हा, यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह और फिर बाद में उमा भारती को भी साइडलाइन कर दिया गया।
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