नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बकाया मूल्य और उस पर ब्याज भी नहीं दिये जाने के विरोध में राज्य के विभिन्न हिस्सों से गन्ना किसान आगामी 15 जुलाई को राजधानी लखनऊ में व्यापक आंदोलन करेंगे। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक सरदार वी. एम. सिंह ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य में चीनी मिलों पर किसानों का 11 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य अब भी बकाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के वक्त 14 दिन के अंदर किसानों का पूरा बकाया गन्ना मूल्य चुकाने या फिर उस पर ब्याज देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक उस पर अमल नहीं हुआ।
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नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर किसानों के आंदोलन का हिस्सा रहे सिंह ने कहा कि उन्होंने पिछली 27 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखी खत में कहा था कि 10 दिन के अंदर बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जाए या फिर ब्याज चुकाया जाए, नहीं तो हर जिले में प्रदर्शन शुरू होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में 12 जुलाई तक किसानों ने प्रदर्शन किया मगर सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि अब 15 जुलाई को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से हजारों किसान लखनऊ में अपने हक के लिये आंदोलन करेंगे।
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उन्होंने कहा‘‘अगर गन्ना किसानों के बकाये पर ब्याज नहीं मिलेगा तो भाजपा को इसके सियासी अंजाम भुगतने होंगे। उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के साढ़े तीन करोड़ वोट हैं। ढाई करोड़ या तीन करोड़ वोटों से तो पूरी सरकार बनती है। सत्तारूढ़ दल हमें हल्के में ना ले। किसान को इतना तंग मत करिये कि वह आपकी राजनीति के लिये नुकसानदेह हो जाए।‘‘ सिंह ने कहा‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बड़े—बड़े विज्ञापन आते हैं कि हमने इतना बकाया गन्ना मूल्य चुका दिया लेकिन वह तो पिछले चार साल का आंकड़ा पेश करते हैं। उन्हें चीजों की समझ ही नहीं है। सरकार किसानों को बेवकूफ बना रही है।‘‘
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गौरतलब है कि सिंह ने पिछली 27 जून को मुख्यमंत्री योगी को लिखे पत्र में कहा था Þप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से वादा किया था कि अगर हमारी सरकार आती है तो हम 14 दिन में गन्ना किसानों का बकाया भुगतान करेंगे नहीं तो ब्याज देंगे। उस वादे पर यकीन करते हुए किसानों ने भाजपा की सरकार बनवाई लेकिन ना तो 14 दिन में भुगतान मिला और ना ही ब्याज का वादा निभाया गया। गन्ना किसान प्रधानमंत्री के वादे पर अमल का साढ़े चार साल तक इंतजार करते रहे।'
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उन्होंने पत्र में कहा था कि अगर प्रधानमंत्री द्वारा किए गए वादे को जल्द पूरा नहीं किया गया तो किसान आगामी छह जुलाई से 12 जुलाई तक सभी जिलों में जिलाधिकारी कार्यालय, उप जिलाधिकारी कार्यालय, तहसील दफ्तर तथा गन्ना समिति परिसर में धरना देंगे। उसके बाद 15 जुलाई को लखनऊ में गन्ना आयुक्त कार्यालय पर आंदोलन किया जाएगा। सिंह ने सरकार से मांग की थी कि पेराई सत्र 2020-21 का संपूर्ण गन्ना मूल्य तत्काल चुकाया जाए, वर्ष 2011-12 के ब्याज का भुगतान 15 फीसद की दर से हो और 2012-13 से 2014-15 तक के ब्याज का भुगतान गन्ना आयुक्त के मार्च 2019 के आदेश के तहत किया जाए, जबकि पेराई सत्र 2015-16 से 2020-21 तक का ब्याज का भुगतान 15 फीसद प्रतिवर्ष की दर से किया जाए। उन्होंने मांग की थी कि इसके अलावा गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 450 रुपये प्रति किं्वटल सुनिश्चित किया जाए।
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