नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उच्चतम न्यायालय ने उस याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया जिसमें कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड के लिए सांसदों द्वारा सांसद निधि (एमपीलैड) से दिये गये 365 करोड़ रुपये वापस करने के लिए केन्द्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
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प्रधान न्यायाधीश बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की एक पीठ ने कहा कि यह याचिका विचार करने योग्य नहीं है और इसे खारिज किया जाता है। याचिकाकर्ता तुषार गुप्ता की ओर से पेश वकील दुष्यंत तिवारी ने कहा कि पीएम केयर्स फंड में संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) से सांसदों द्वारा दान किये गये 365 करोड़ रुपये दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।
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तिवारी ने अपने दावों के समर्थन में एक आरटीआई के जवाब का उल्लेख किया और कहा कि धनराशि किसी और मद में खर्च करने के कारण विकास कार्य में बाधा आ रही है। गुप्ता द्वारा दायर याचिका में केंद्र सरकार को बैंक खाते में पूरी राशि लौटाने का आग्रह किया गया था जिसमें एमपीलैड्स धनराशि हर साल अंतरित की जाती हैं।
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याचिका में कहा गया कि अप्रैल 2020 में एमपीलैड निधि को दो वित्तीय वर्षों 2020-2021 और 2021-2022 के लिए निलंबित कर दिया गया।
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